भारतीय किसानों में अपनी पैठ बनाती दिल्ली प्रैस की पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ न केवल उन को तरक्की की राह दिखाती है, बल्कि यह ऐसे किसानों की कहानियों को भी देशदुनिया के सामने लाने का काम करती रही है, जो खेती में कुछ अलग हट कर करना चाहते हैं खासकर ऐसे किसान, जो अपने खेतीबारी, पशुपालन, डेरी, मछलीपालन, मधुमक्खीपालन, बागबानी जैसे काम को वैज्ञानिक तरीकों से कर के अपनी आमदनी बढ़ाने में कामयाब रहे हैं.
पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ समयसमय पर ऐसे किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन को सम्मानित करने का काम भी करती रही है. किसानों की इस पत्रिका ने कई सालों से उत्तर प्रदेश की अलगअलग जगहों पर कृषि विज्ञान केंद्रों, खेतीबारी से जुड़े संस्थानों और कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनियों के साथ साँझा आयोजन कर सैकड़ों किसानों का सम्मान किया है और खेती में की जा रही उन की कोशिशों से दूसरों को रूबरू कराया.
‘फार्म एन फूड’ द्वारा इसी कड़ी में बिहार में किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करने वाली कई सालों से काम कर रही सामाजिक संस्था आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत के सहयोग से पहली बार राज्य स्तरीय फार्म एन फूड-एकेआरएसपी (आई) अवार्ड, 2020 का आयोजन बिहार के समस्तीपुर में बने कृषि विज्ञान केंद्र, बरौली में किया गया.
यह आयोजन कोरोना प्रोटोकाल को पूरी तरह ध्यान में रख कर किया गया. इस के तहत सभी प्रतिभागियों को एकेआरएसपी (आई) की तरफ से सैनेटाइजर व मास्क भी मुहैया कराया गया. यह भी खयाल रखा गया कि बिहार में चल रहे विधानसभा चुनावों के लिए लागू आचार संहिता का किसी भी तरह से उल्लंघन न होने पाए.
ऐसे किसानों का किया गया चयन
इस अवार्ड के लिए किसानों का चयन किए जाने के लिए एकेआरएसपी (आई) के बिहार राज्य के रीजनल मैनेजर सुनील कुमार पांडेय की अगुआई में विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने बिहार के विभिन्न जनपदों के ऐसे किसानों का चयन किया, जिन की कोशिशों से सीख ले कर दूसरे किसान भी आगे बढ़ रहे हैं. इन अवार्ड के लिए चयनित उन्नतशील किसानों में 9 महिला किसानों को भी शामिल किया गया.
भव्य तरीके से कार्यक्रम की हुई शुरुआत
कृषि विज्ञान केंद्र, बरौली, समस्तीपुर के हाल ही में आयोजित राज्य स्तरीय फार्म एन फूड-एकेआरएसपी (आई) अवार्ड, 2020 की शुरुआत भव्य तरीके से की गई. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव व डा. एमएस कुंडू, निदेशक प्रसार के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र, बरौली के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रविंद्र कुमार तिवारी रहे.
कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किसानों को आगे बढ़ने का संदेश दिया. इस अवसर एकेआरएसपी (आई) के बिहार प्रमुख और ‘फार्म एन फूड’ की तरफ से सभी अतिथियों को गुलदस्ता, अंगवस्त्र और मोमैंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया.
ऐसे किया किसानों को संबोधित
भारत के विभिन्न राज्यों में किसानों की आमदनी बढ़ाने को ले कर काम कर रहे आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपूर्व ने गुजरात से वीडियो कौंफ्रैंसिंग से कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को संबोधित किया.
उन्होंने अपने संबोधन में युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि जो युवा डिगरी ले कर घूमते हैं, वे थोड़े से पैसे में निजी कंपनियों में नौकरी तो करना चाहते हैं, लेकिन ऐसे युवाओं को अपनी जमीन पर खेती करने में शर्म आती है, जबकि ऐसे पढ़ेलिखे युवक अगर खेती करने के लिए आगे आएं, तो न केवल वे खेती से अच्छा कमा सकते हैं, बल्कि इज्जत और शोहरत भी कमा सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे तमाम युवा जो पढ़लिख कर खेती में आगे आए हैं, वे आज खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं.
उन्होंने मीडिया में किसानों की खबरों को तवज्जुह न दिए जाने को इस की बड़ी वजह बताया. उन्होंने कहा कि मीडिया में किसानों से जुड़ी खबरों को उतनी तवज्जुह नहीं दी जाती है, जितनी दूसरे मुद्दों को तवज्जुह दी जाती है.
सीईओ अपूर्व ने वीडियो कौंफ्रैंसिंग से ‘फार्म एन फूड’ की सराहना करते हुए कहा कि ‘फार्म एन फूड’ जैसी पत्रिकाएं ही हैं, जो किसानों से जुड़ी खबरों, सफलता की कहानियों और खेतीबारी से जुड़ी तकनीकी को आम लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं.
‘फार्म एन फूड’ और एकेआरएसपी (आई) के कामों की तारीफ
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में ‘फार्म एन फूड’ और एकेआरएसपी (आई) की तारीफ करते हुए कहा कि आज के दौर में ‘फार्म एन फूड’ जैसी पत्रिका द्वारा किसानों के लिए प्रकाशित किए जाने वाले लेख निश्चित ही किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं. उन्होंने बिहार राज्य में एकेआरएसपी (आई) द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने में की जा रही माली व तकनीकी मदद की जम कर तारीफ की.
उन्होंने कहा कि एकेआरएसपी (आई) बिहार में किसानों की आमदनी बढ़ाने में जमीनी लैवल पर काफी सक्रिय है. अगर इस तरह की कुछ संस्थाएं और आ जाएं, तो किसानों की हालत को बेहतर किया जा सकता है.
कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उपाय बताए, जिन में कामर्शियल खेती के साथ मसाले की खेती पर जोर दिया. उन्होंने विश्वविद्यालय व उस से जुड़े कृषि विज्ञान केंद्रों के स्तर पर की जा रही इस तरह की कोशिशों पर प्रकाश डाला.
कुलपति ने किसानों की कृषि लागत में कमी लाने में सोलर सिंचाई पंप की बड़ी भूमिका बताई. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के चलते बिहार में वापस लौटे 27 लाख बिहारी मजदूर वापस आ गए थे, जिन में से 60 फीसदी मजदूर फिर से दूसरे शहरों को पलायन कर चुके हैं, लेकिन अभी भी वापस लौटे 40 फीसदी मजदूरों को पुख्ता रोजगार से जोड़ने की जरूरत है. उन्होंने रोजगार के खेती व खेती से जुड़े व्यवसायों के जरीए आमदनी बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय लैवल पर की जा रही कोशिशों पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस के लिए विश्वविद्यालय द्वारा नैनो इंडस्ट्री के मौडल पर काम किया जा रहा है, जिस के तहत कृषि अवशेषों से भी आमदनी बढ़ाने पर जोर होगा.
उन्होंने किसानों को अरहर और केले के पौधे से सजावटी सामान बनाने पर दी जा रही ट्रेनिंग पर भी जानकारी दी. उन्होंने मक्के के लेढ़े की प्रोसैसिंग, लीची के बीज से मछली के दाने को बनाना, सब्जियों के अवशेष से हर्बल गुलाल बनाए जाने के बारे में भी जानकारी दी.
कुलपति ने हलदी के पत्ते से किसानों को तेल निकालने की विधि के साथ ही कृषि से किसानों की आमदनी बढ़ाने के तमाम उपायों के बारे में भी जानकारी दी.
कृषि कानूनों पर शुरू होगा डिप्लोमा कोर्स
कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव ने बताया कि हाल में ही किसानों से जुड़े तमाम कानून आने पर कृषि विशेषज्ञों और छात्रों की समझ विकसित करने के लिए डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अगले साल से डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की जा रही है, जिस से कृषि से जुड़े नए व पुराने कानूनों के सकारात्मक पहलुओं का फायदा किसानों को मिलने में मदद मिलेगी.
‘सरिता’ के पाठक रहे हैं कुलपति
इस अवार्ड समारोह में सभी अतिथियों को दिल्ली प्रैस की गौरवशाली पत्रिकाओं का सैट भेंट किया गया. इस मौके पर डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव ने बताया कि वे काफी समय से ‘सरिता’ पत्रिका के पाठक रहे हैं. उन्होंने बताया कि ‘सरिता’ समाज को सही राह दिखाने का काम करती है.
अतिथियों ने भी दिए टिप्स
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डा. एमएस कुंडू ने भी कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को आमदनी बढ़ाने के टिप्स दिए. उन्होंने फार्म एन फूड व एकेआरएसपी (आई) द्वारा किसानों के सम्मान में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम की सराहना की.
कृषि विज्ञान केंद्र, बरौली, समस्तीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक और सहप्रमुख डा. रविंद्र कुमार तिवारी ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों के लिए की जा रही कोशिशों पर प्रकाश डाला.
उन्होंने बताया कि द्वारा कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की समस्याओं के निदान की लगातार कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि केवीके के वैज्ञानिक किसानों के बीच उन के खेतों में पहुंच कर जानकारी देने का काम कर रहे हैं.
बिहार प्रमुख ने अपनी संस्था की कोशिशों पर डाला प्रकाश
राज्य स्तरीय फार्म एन फूड- एकेआरएसपी (आई) अवार्ड, 2020 का आयोजन कराने और स्थानीय स्तर पर संसाधनों को मुहैया कराने वाली संस्था एकेआरएसपी (आई) के बिहार राज्य के प्रमुख सुनील पांडेय ने बताया कि उन की संस्था बिहार राज्य के तमाम जिलों में छोटी जोत के किसानों को खेती के जरीए आमदनी बढ़ाने के लिए काम कर रही है.
उन्होंने बताया कि संस्था एकेआरएसपी (आई) किसानों को सोलर पंप, शीतगृह, मचान खेती सहित खेती के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने में सहयोग कर रही है. उन्होंने बताया कि उन की संस्था किसानों में स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के मुद्दे पर भी उन का सहयोग कर रही है.
सम्मानित किसानों ने इन्हें बताया अपना साथी
इस अवार्ड समारोह में किसानों में ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका वितरित की गई. उपस्थित किसान अपनी कहानियों को पढ़ कर बहुत खुश नजर आए. सम्मानित होने वाले सभी किसानों ने ‘फार्म एन फूड’ में प्रकाशित होने वाले लेखों को आमदनी बढ़ाने में खास सहयोगी बताया.
बकरीपालन के जरीए अपनी आमदनी में इजाफा करने वाली बोचहा ब्लौक के जगाई मझली ली गांव की महिला किसान निर्मला देवी ने ‘फार्म एन फूड’ को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस पत्रिका ने उन की कहानियों को लोगों के सामने ला कर दूसरे किसानों की मदद करने में भी सहयोग किया है.
दरभंगा, बिहार के ब्लौक सिंघवाड़ा के गांव हरख के किसान राम किशोर महतो ने बताया कि वे सभी मौसमों में खेती से अच्छी आमदनी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अवार्ड से उन का मनोबल बढ़ा है.
फूलगोभी की खेती करने वाली रेखा देवी, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन करने वाली 34 साला सरिता देवी, औषधीय खेती करने वाले सकरा ब्लौक के मुशहरी राम के किसान सुनील कुमार, केशोपुर, मुजफ्फरपुर की रीना भारती ने भी इस कार्यक्रम को सराहा.
इन लोगों का हुआ सम्मान
बिहार के समस्तीपुर में आयोजित किए गए राज्य स्तरीय फार्म एन फूड-एकेआरएसपी (आई) अवार्ड, 2020 में जिन किसानों का सम्मान किया गया, उन में समस्तीपुर जिले से सौर ऊर्जा सामूहिक सिंचाई के लिए इंदु देवी, तबस्सुम निशा को बकरीपालन के लिए, औषधीय पौध की खेती के राजनारायण सिंह, कुशेश्वर प्रसाद को जैविक खेती, मुजफ्फरपुर की जोहरा खातून को बकरीपालन, हाजीपुर, वैशाली से इंदु देवी को बकरीपालन, वैशाली से ही उमेश राय को उन्नत सब्जी की खेती के लिए, मुजफ्फरपुर के सुनील कुमार को औषधीय पौधों की खेती के लिए, औषधीय खेती के लिए ही राजीव कुमार, उन्नत सब्जी की खेती के लिए सुमित्रा देवी, दिव्यांग रत्नेश कुमार को मुरगीपालन, निर्मला देवी को बकरीपालन, सरिता देवी को जैविक खेती, रेखा देवी को उन्नत सब्जी की खेती, रीना भारती को उन्नत सब्जी उत्पादन व दरभंगा के किसान राम किशोर महतो को उन्नत खेती के लिए सम्मानित किया गया.
इस के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र, बरौली के प्रमुख व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रविंद्र कुमार तिवारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ मृदा विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. संजय कुमार, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि अभियांत्रिकी इंजीनियर शैलेश कुमार सिंह, आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम के कृषि प्रसार कार्यकर्ता विभूति प्रसाद, परियोजना प्रबंधक (दाल) भास्कर मित्रा, कृषि प्रबंधक डा. बसंत कुमार व आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम (भारत) बिहार के रीजनल मैनेजर सुनील कुमार पांडेय को भी सम्मानित किया गया. इस के अलावा दिल्ली प्रैस में लेखक शंभू शरण सत्यार्थी को भी मोमैंटो व प्रमाणपत्र प्रदान किया गया.
उत्तर प्रदेश के इन लोगों का हुआ सम्मान
बिहार में आयोजित किए गए इस राज्य स्तरीय अवार्ड में उत्तर प्रदेश से जैविक खेती के लिए राम मूर्ति मिश्र, पारंपरिक बीजों के संरक्षण के लिए बृजेंद्र बहादुर पाल, बागबानी व शहद उत्पाद के लिए अहमद अली के साथ ही
डा. नवीन सिंह व अमरेश पांडेय को भी प्रमाणपत्र व मोमैंटो प्रदान किया गया.
इन कार्यकर्ताओं का भी रहा योगदान
बिहार में राज्य लैवल पर आयोजित किए गए इस अवार्ड समारोह के कार्यक्रम की एंकरिंग का काम जहां अपूर्वा शर्मा ने किया, वहीं
डा. बसंत कुमार, प्रितेश कुमार लाल, मुकेश चंद्र, भास्कर मित्रा, जय प्रकाश सिंह, अमित सिंह, रवि गुप्ता, अजय लाकड़ा, रजनी रंजन, स्वर्ण सौरभ, सनी काटे सहित कई कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपना योगदान दिया.
दिल्ली प्रैस के गौरवशाली प्रकाशनों पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम के अंत में दिल्ली प्रैस के प्रतिनिधि ने दिल्ली प्रैस के गौरवशाली प्रकाशनों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दिल्ली प्रैस देश के एकमात्र प्रकाशनों में शुमार है, जो निर्बाध रूप से आजादी के पहले से ही सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए देश की सब से चर्चित पत्रिकाओं का प्रकाशन करता आ रहा है, जिस में ‘द कैरेवान’, ‘सरिता’, ‘गृहशोभा’, ‘मुक्ता’, ‘चंपक’, ‘सरस सलिल’, ‘सत्यकथा’, ‘मनोहर कहानियां’ जैसी 10 भाषाओं में प्रकाशित होने वाली 30 पत्रिकाएं शामिल हैं.
प्रतिनिधि ने आगे बताया कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए साल 2008 में ‘फार्म फूड’ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया गया था, जो आज देश में किसानों के बीच अपनी अलग पहचान रखती है.