हिसार : 22सितंबर, 2023. समाज को सशक्त बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका होती है. यदि परिवार, समाज व देश का उत्थान करना है, तो महिलाओं को आगे आ कर शिक्षित होना होगा. महिलाओं के सशक्तीकरण के बिना विश्व का कल्याण संभव नहीं है.
ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने रखे. वे विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में एकदिवसीय ‘अनुसूचित जाति की महिलाओं के सशक्तीकरण में शिक्षा की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय महिला महाविद्यालय, हिसार में कार्यरत सहायक प्रो. मंजू लता उपस्थित रही.
यह कार्यक्रम मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित किया गया था.
मुख्य अतिथि प्रो. बीआर कंबोज ने कार्यशाला में उपस्थित ग्रामीण इलाकों से आई अनुसूचित जाति की महिलाओं की अधिक संख्या होने पर खुशी व्यक्त की.
उन्होंने कहा कि आज का समय तेजी से बदल रहा है. महिलाओं को बदलते समय के साथ कदम ताल मिला कर चलने की जरूरत है. किसी भी समाज की उन्नति के लिए हर वर्ग को समानता का अधिकार देना जरूरी है.
अगर समाज का कोई भी हिस्सा पीछे रह गया तो देश के विकास की दर स्वत: ही कम हो जाएगी. इसलिए हमें महिलाओं को डिजिटल शिक्षा से जोड़ कर उन्हें समानता का अधिकार देने का प्रयास करना चाहिए. तभी वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगी.
मुख्य अतिथि बीआर कंबोज ने विशेषकर महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार व विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों से सभी को जानकारी दी.
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कार्य को सफलता की दिशा में ले जाने के लिए सब से पहले इच्छाशक्ति का होना जरूरी है.
मुख्य अतिथि बीआर कंबोज ने आगे यह भी कहा कि पहले के समय में महिलाओं को वंचित रखा जाता था, चाहे शिक्षा हो या फिर व्यवसाय, या फिर अन्य क्षेत्र. लेकिन बदलते दौर के साथ महिलाओं की सोच बदली है. वे अब साक्षर हो कर अपनी खुद व परिवार की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं, जो कि परिवार, समाज व देश के उत्थान का अच्छा संकेत है.
मुख्य अतिथि बीआर कंबोज ने संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने पर सभी को बधाई दी. उन्होंने अनुसूचित जाति की महिलाओं से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय में शुरू की जाने वाली क्षमता निर्माण प्रयोगशाला में प्रशिक्षण ले कर अपने कौशल को बढ़ाएं.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि बीआर कंबोज ने उपरोक्त विभाग में नवस्थापित क्षमता निर्माण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया. साथ ही, पौध रोपित भी किया.
मुख्य अतिथि ने खुद का मोमेंटो कार्यशाला में उपस्थित सब से उम्रदाज महिला आर्य नगर निवासी धोली देवी को भेंट दे कर सम्मानित किया. वहीं मुख्य वक्ता मंजू लता ने अपने संभाषण में कहा कि धरती पर सब से सुंदर रचनात्मक वस्तु है तो वह एकमात्र महिला है, जो खुद व परिवार को संभाल रही है.
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, लेकिन जो किसी कारणवश पीछे छूट गई हैं, उन्हें प्रेरित करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि बदलते समय के अनुसार महिलाओं के प्रति हमें संकीर्ण विचारों से छुटकारा पाने की जरूरत है. साथ ही, महिलाओं के उत्थान में संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर के योगदान का भी उल्लेख किया.
अनुसंधान निदेशक डा. जीतराम शर्मा ने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत किया गया है, जिस में क्षमता निर्माण प्रयोगशाला एक मुख्य प्रोजैक्ट है. इस लैब से खासकर अनुसूचित जाति की महिलाओं में स्किल पैदा कर उन्हें व्यावहारिक जनकारी से जोड़ा जाएगा, ताकि वे अपना स्वरोजगार शुरू कर स्वावलंबी बन सकें. उन्होंने डिजिटल शिक्षा को समय की मांग बताया और उपस्थित महिलाओं को डिजिटल शिक्षा से जुड़ने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में उक्त प्रयोगशाला में प्रशिक्षित महिलाओं को ट्रेनर बनाया जाएगा, ताकि वे अपना खुद का रोजगार शुरू कर खुद व परिवार की स्थिति को मजबूत बना सकें.
मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. नीरज कुमार ने सभी का स्वागत किया, जबकि समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डा. विनोद कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
इस कार्यशाला में मंच का संचालन डा. रश्मि त्यागी ने किया, जबकि डा. जतेश काठपालिया ने प्रोजैक्ट की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. बलवान सिंह मंडल सहित विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, शिक्षाविद व विद्यार्थी उपस्थित रहे.