सीहोर : खरीफ समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन के लिए पंजीयन 20 सितंबर से प्रारंभ हो चुके हैं. समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी के लिए जिले में 12 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं. इन पंजीयन केंद्र पर 5 अक्तूबर से फसल खरीदी के लिए पंजीयन किए जाएंगे.

बता दें कि गत वर्षों की तरह ही किसान पंजीयन भूअभिलेख के डाटाबेस आधारित ही होगा. किसानों को पंजीयन के लिए समस्त आवश्यक दस्तावेज, समग्र आईडी, आधारकार्ड नंबर, बैंक खाता पासबुक और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना होगा.

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए जिले में कुल 12 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं. भैरूंदा तहसील में किसान विपणन सहकारी समिति, भेरूंदा, बुधनी में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, बुधनी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, शाहगंज, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, जवाहरखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, बनेटा प्लाट, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, कुसुमखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, नांदनेर, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, रेहटी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बोरदी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, बायां, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, माथनी और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, सीहोर में किसान पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं.

Farmingइन पंजीयन केंद्रों पर किसानों द्वारा पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा, जब किसान के भूअभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधारकार्ड में दर्ज नाम से होगा. भूअभिलेख और आधारकार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति यानी कमी होने पर पंजीयन का सत्यापन कराया जाएगा. सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा.

सिकमी, बंटाईदार, वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र पर किया जाएगा. इस श्रेणी के किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा. सिकमी, बंटाईदार, पट्टाधारी किसान का आधार नंबर प्रविष्ट किया जाएगा. आधार नंबर प्रविष्टि के उपरांत किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा, जिस के माध्यम से सत्यापन के उपरांत आधार डाटाबेस में दर्ज पूरी जानकारी यूआईडीएआई से ईउपार्जन पोर्टल पर प्राप्त होगी. मोबाइल न होने पर बायोमेट्रिक डिवाइस से भी सत्यापन किया जा सकेगा. किसान द्वारा बोई गई फसल की किस्म, रकबा और विक्रय योग्य मात्रा की जानकारी एवं उत्पादित फसल का भंडारण किन स्थानों पर किया गया है या किया जाएगा, इस की जानकारी भी आवेदन में दर्ज की जाए.

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