फल एवं सब्जियों की तुड़ाई के उपरांत भारत जैसे उष्णकटिबंधीय (गरम) देश के भंडारण की एक मुख्य समस्या है. ताजा फल एवं सब्जियों में अधिकांश भाग में पानी के होने के कारण वे जल्दी शराब हो जाते है. चूंकि फल व सब्जी एक जीवित अवयव होते हैं, जिस से तुड़ाई के उपरांत भी उन में उत्स्वेदन और श्वासोच्छास होने के कारण उन में पकने की क्रियाएं तीव्र हो जाती हैं. भारत में यह नुकसान फल व सब्जियों को 25-35 फीसदी तक शराब कर देता है. इस नुकसान को कम करने के लिए भंडारण का तापमान कम कर के बचाया जा सकता है.
कक्ष की बनावट
* इस की बनावट वाष्पीकरण द्वारा तापमान कम करने के सिद्धांत पर किया जाता है.
* इस में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होनी चाहिए.
* फर्श का निर्माण 165 सैंटीमीटर लंबा और तकरीबन 115 सैंटीमीटर चौड़ाई में ईंट बिछा कर करें.
* फर्श के चारों तरफ 67.5 सैंटीमीटर ऊंचाई की दोहरी दीवार बनाएं, जिस के बीच में 7.5 सैंटीमीटर स्थान नम बालू भरने के लिए खाली रखें.
* बालू में नमी बनाए रखने के लिए छिद्रयुक्त ट्यूब से चारों तरफ दीवार के ऊपर सिंचाई के ऊपर सिंचाई करें.
* कक्ष के ऊपर घासफूस, बांस की सहायता से एक छप्पर का निर्माण करें.
* निर्माण हुए कक्ष के ऊपर एक छप्पर बनाएं, ताकि कक्ष के ऊपर धूप न आ सके और बरसात का पानी भी कक्ष के ऊपर न आ सके.
प्रयोग करने की विधि
* कक्ष के ऊपर बना ढक्कन जो बांस का बना हुआ होता है और जिस के ऊपर घासफूंस होता है. ऐसे बालू एवं ईंटों को पानी से तर करें.
* कक्ष की सापेक्षित आर्द्रता बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम 2 बार ड्रिप ट्यूब की सहायता से पानी का सिंचन करें. सिंचन की बालटी कक्ष की छत से ऊंची सतह पर रखी हो, जिसे छिद्रयुक्त ट्यूब से जोड़ देते हैं.
* फल एवं सब्जियों को छिद्रयुक्त प्लास्टिक ट्रे में कक्ष में रख कर ढक्कन से ढक दें.
* इस प्रकार से रखी गई फल एवं सब्जियों को 5-6 दिन तक ताजा स्थिति में रखा जाता है. उत्पादकों/किसानों द्वारा बिक्री बचे हुए उत्पादों को भी कक्ष में रख कर खराब या नष्ट होने से बचाया जा सकता है.
शीत कक्ष से लाभ
* इस का निर्माण एक साधारण किसान भी कर सकता है, क्योंकि इस में विशेष तकनीकी की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
* बिजली या मशीन का प्रयोग नहीं होता है.
* तुड़ाई के उपरांत होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
* भंडारण क्षमता बढ़ाने पर खर्च बिलकुल नहीं होता है.
* इस का उपयोग मशरूम उत्पादों, पौधों की नर्सरी, रेशमपालन और बायोफर्टिलाइजर के भंडारण में भी किया जा सकता है.
उपयोग व सावधानियां
* कक्ष निर्माण के स्थान पर वायु संचार स्वच्छ होना चाहिए.
* कक्ष के फर्श पर पानी का जमाव नहीं होना चाहिए.
* पानी का संबंध भंडारित वस्तु से न हो.
* कक्ष की दीवारों की ईंटें और बालू को हमेशा नम रखें. साथ ही, कक्ष के ऊपर छांव अवश्य बनाए रखें.
* कक्ष में समयसमय पर कीटों, फफूंदी आदि से बचाने के लिए उपयुक्त कीटनाशक रसायनों से उपचारित करें.