हिसार : 10 अक्तूबर. हरियाणा को कृषि प्रधान न कह कर किसान प्रधान राज्य कहना उचित होगा. क्योंकि किसानों के बल पर ही हरियाणा प्रदेश प्रगति के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है. अब किसानों को कृषि में आधुनिकता, गुणवत्ता व फसल विविधीकरण को ध्यान में रख कर फसल की पैदावार बढ़ाने पर जोर देना होगा. इस के लिए सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाजों में बाजरा उगाने वाले किसानों को बढ़ावा देने के लिए बाजरे की खरीद 2,500 रुपए प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया है.

ये विचार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहे. वे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय हरियाणा कृषि विकास मेला- 2023 के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि किसानों को संबोधित करते हुए कहे.

इस अवसर पर अतिथि के रूप में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल मौजूद रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता हकृवि के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने की.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेले में किसानों की भारी संख्या देख कर खुशी जताते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस मेले में आने का अवसर मिला. हरियाणा का किसान खेती ही नहीं, अपितु खेल और व्यापार में भी देश में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है. इतना ही नहीं, हाल ही में संपन्न हुए एशियन खेलों में 30 फीसदी मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश की झोली में डाले हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगे यह भी कहा कि हरियाणा का किसान प्रगतिशील है, जो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा उन्नत किस्मों व अन्य प्रौद्योगिकियों को अपनाने में आगे रहते हैं.

उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की. विश्वविद्यालय फसलों की नई किस्में ईजाद कर किसानों की आय बढ़ाने में उम्दा योगदान दे रहा है.

उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे समयसमय पर मिट्टी व पानी की जांच करवाएं व उसी आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करें और फसलों का चयन करें. साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश का कोई किसान यदि आय बढ़ाने का कोई भी सुझाव लाता है, तो हरियाणा सरकार हमेशा उस के नवाचारों का स्वागत करती है.

उन्होंने आगे कहा कि छोटे किसानों को नएनए तरीके अपना कर खेती करने की जरूरत है. जैसे ड्रेगन फ्रूट की खेती कर किसान लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं. हरियाणा में 20 सब्जियों की खेती को लाभदायक बनाने के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाई जा रही है. वर्तमान समय में जल स्तर नीचे जा रहा है, जिस के लिए यदि किसान धान के अलावा अन्य फसल उगाता है, तो उस को 7,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेले में सम्मानित किए गए प्रगतिशील किसानों से आह्वान किया कि यदि एक प्रगतिशील किसान आगे 10 किसानों को आधुनिक खेती की तकनीक से जोड़ कर खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाएगा, तो इस से प्रदेश के किसानों में तेजी से खुशहाली आएगी. किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा में 600 से अधिक एफपीओ बनाएं.

वहीं कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि मेले की बढ़ रही लोकप्रियता को देखते हुए अब भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए इस मेले का विस्तार किया जाएगा.

उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि सरकार हमेशा से ही किसानों की हितैषी रही है.

उन्होंने कहा कि खारे पानी और सेम की समस्या के समाधान के लिए 70 हजार एकड़ जमीन को सुधारने का काम किया जाएगा. किसानों को एकत्रित कर के एफपीओ बना कर खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अभी तक 600 से ज्यादा एफपीओ बनाए गए हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगे.

उन्होंने बताया कि छोटे किसानों के लिए सरकार ने पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना व पशुओं का बीमा जैसी योजनाएं चलाई हैं. साथ ही, सरकार पशुओं के इलाज के लिए काल सेंटर भी खोलने जा रही है, जहां पशुपालक एक टोल फ्री नंबर पर बीमार पशु की सूचना दर्ज करवा सकेंगे, जिस के बाद पशु चिकित्सा वैन उन के घर आएगी और चिकित्सकों की टीम निःशुल्क इलाज करेगी.

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विश्वविद्यालय के लिए किसानों का हित सर्वोपरि : कुलपति प्रो. बीआर कंबोज

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय किसानों की प्रगति के लिए निरंतर प्रयत्नशील है. इस विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों, फलों, सब्जियों, तिलहनों, चारा आदि की 284 उन्नत किस्में विकसित कर के किसानों को सौगात दी है, ताकि वे अधिक उत्पादन ले कर ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकें.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में बाजरा, ज्वार, गेहूं व सरसों की नईनई किस्में विकसित की हैं व मोटा अनाज वाली फसलों पर भी शोध कार्य चल रहा है. यहां तैयार की गई बाजरे की बायोफोर्टीफाइड किस्म एचएचबी 299 लौह तत्व व जिंक से भरपूर है, जो आम लोगों को विभिन्न बीमारियों व कुपोषण से नजात दिलाएगी. इस के अलावा मोटे अनाजों से विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने की तकनीक विकसित करने का काम हो रहा है. उच्च गुणवत्ता वाली गेहूं की डब्ल्यूएच 1270 व सरसों की आरएच 725 किस्में किसानों को खास पसंद आ रही है.

उन्होंने हरियाणा प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया. विश्वविद्यालय ने एग्रीबिजनैस इक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से अब तक 100 से अधिक स्टार्टअप्स तैयार किए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि युवा किसानों को स्वरोजगार शुरू करने में मदद करने के लिए उन को तकनीकी जानकारी व उद्यमशीलता की ट्रेनिंग दी जा रही है. विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 18,500 क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों का बीज उपलब्ध करवाया है. विश्वविद्यालय की ओर से कुल 60 पेटेंट आवेदन किए हैं, जिन में से 20 को स्वीकृति भी मिल चुकी है.

कुलपति डा. बीआर कंबोज ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वो इसी तरह किसानों की सेवा करते रहें और किसान के खेत में जा कर अपने शोध कार्य की जांच करें, ताकि किसान विश्वविद्यालय के नए अनुसंधानों से सीधे तौर पर जुड़ सकें.

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा एवं कुलपति, महाराणा प्रताप बागबानी विश्वविद्यालय, करनाल आईएएस में प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने विभाग द्वारा किसानों के हितों में चलाई जा रही योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी और कहा कि मेले में विशेष तौर पर किसानों को ड्रोन, प्राकृतिक खेती व मिलेट फसलों के उत्पादन से जुड़ी तकनीक के बारे में जागरूक किया. साथ ही, तीन दिवसीय मेले की विस्तृत रिपोर्ट पेश की.

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इन प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित

इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कृषि के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के 20 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया. इन किसानों में यमुनानगर जिले से गुलाब सिंह व सुखविंदर सिंह, सोनीपत जिले से जसबीर, कुरुक्षेत्र जिले से अनिल, परविंदर व सुरेश, मेवात जिले से समसु, अंबाला जिले से मेवा सिंह, कैथल जिले से निर्मल व मनीष कुमार, झज्जर जिले से रमेश व विनय कुमार, रोहतक जिले से नरेंद्र, पंचकुला जिले से ओमप्रकाश, पलवल जिले से लेखी व बलराम, रेवाड़ी जिले से अमर, फरीदाबाद से रामकरण व सुशील चंद और भिवानी जिले से अमित कुमार शामिल हैं.

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों व प्रदेश के कृषि एवं संबंधित विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों का मुख्य अतिथि सहित अन्य अधिकारियों ने अवलोकन किया.

अंत में लक्की ड्रा द्वारा किसानों को कुल 16 लाख रुपए के इनाम दिए गए, जिन में सब से बड़ा बंपर इनाम ट्रैक्टर जींद स्थित गांव मोहलखेड़ा निवासी भरत सिंह को प्रदान किया गया. पहला इनाम छोटा ट्रैक्टर फतेहाबाद स्थित गांव किरढान निवासी अजीत सिंह, दूसरा इनाम लैंड लेवलर फतेहाबाद स्थित गांव टिब्बी निवासी सुरजीत, तीसरा इनाम सुपर सीडर भठिंडा के गांव गंगा अबलू की निवासी गुरपिंदर सिंह व चौथा इनाम पावर वीडर जींद के गांव दादौड़ी निवासी अंकित को दिए गए.

इस दौरान कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य व गीत गा कर किसानों का मनोरंजन किया.

इस अवसर पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग, हांसी के विधायक विनोद भ्याणा, रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा व मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवी लाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के महानिदेशक डा. नरहरि बांगड़ सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे.

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