उदयपुर : 16 अक्तूबर. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि अधिक उत्पादकता के लिए उन्होंने हमेशा टीम वर्क में विश्वास रख कर काम किया है. आप चाहे कितने ही विद्वान हों, साधनसंपन्न हों, ऊंचे पद पर हों, अकेले कुछ भी हासिल नहीं कर सकते.
कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक पिछले दिनों सीटीएई सभागार में अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम सभी एकदूसरे को सम्मान दे कर ही कार्यस्थल को घर जैसा बना सकते हैं. किसी ने सच ही कहा है, ’’एक मुख्तसर सी वजह है, मेरे झुक कर मिलने की… मिट्टी का बना हूं… गुरूर मुझ पर जंचता नहीं.’’
इस मौके पर कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अधिकारियों और कार्मिकों के समग्र प्रयासों से ही एमपीयूएटी का परचम राष्ट्रीय स्तर पर फहरा रहा है. विश्वविद्यालय के अधीन आज 7 महाविद्यालय, 2 क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, 2 उपकेंद्र, 1 बारानी अनुसंधान केंद्र और 8 कृषि विज्ञान केंद्र दक्षिणी राजस्थान को कृषि क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे हैं.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि राज्यपाल की ’स्मार्ट विलेज इनीशिएटिव’ योजना के अंतर्गत राजस्थान के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में एमपीयूएटी प्रथम स्थान पर है, जिस के लिए विगत एक वर्ष में राजभवन से 2 बार प्रशंसापत्र भी प्राप्त हुए. स्मार्ट गांव के रूप में मदार व ब्राह्मणों की हुंदर इस का जीताजागता उदाहरण है. राज्यपाल ने स्वयं अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों को इन गांवों का अवलोकन करने की सलाह भी दी.
उन्होंने इस बात की भी खुशी जाहिर की कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की नई किस्म प्रताप संकर- 6 को राष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित व अनुमोदित किया गया. यही नहीं, हमें एक वर्ष में 8 पेटेंट हासिल हुए, जो विश्वविद्यालय के मौलिक और नवाचारी शोध क्षमताओं का परिचायक है.
इन में कृषि मशीनरी निर्माण हेतु उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए आरकेवीवाई की 2 करोड़ की इफको परियोजना, भूमि जल प्रबंधन पर भागीदारी कार्य संबंधी 92 लाख की परियोजना, क्लीन ऊर्जा पर विज्ञान व अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड पर 41 लाख की परियोजना प्रमुख हैं.
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाने मेें भी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. मिलेट्स पर सचित्र मार्गदर्शिका, जागरूकता रैलियां, कार्यशालाएं आयोजित की गईं. 4 किसान मेलों का आयोजन किया गया. साथ ही, मिलेट हट की स्थापना के अलावा कृषि महाविद्यालयों, अनुसंधान केंद्रों और केवीके में मिलेट वाटिकाएं विकसित की गईं.
विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने डा. अजीत कुमार कर्नाटक की कुशल नेतृत्व क्षमता और दूरदृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि मात्र एक वर्ष में एमपीयूएटी ने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं, प्रशंसनीय है. धरातल पर रह कर काम करना उन की प्रवृत्ति है. इसी कारण एक बेहतर टीम बन कर उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छे परिणाम सामने रख देती है.
उन्होंने आगे कहा कि आगामी वर्षों में कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक के नेतृत्व में और भी अविस्मरणीय उपलब्धियां हासिल होंगी.