नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में मेगा फूड इवेंट 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया. उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के लिए एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को बीज के लिए आर्थिक सहायता का भी वितरण किया. इस अवसर पर नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को 'दुनिया के खाद्य केंद्र' के रूप में प्रदर्शित करना और साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाना है.
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शित प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप मंडप और फूड स्ट्रीट की सराहना करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी और स्वाद का मिश्रण भविष्य की अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के बदलते परिप्रेक्ष्य में खाद्य सुरक्षा की प्रमुख चुनौतियों में से एक का उल्लेख करते हुए विश्व खाद्य भारत 2023 के महत्व को रेखांकित किया.
एग्री इंफ्रा फंड के तहत लगभग 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया के परिणाम भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को 'सूर्योदय क्षेत्र' के रूप में पहचाने जाने का एक बड़ा उदाहरण हैं. पिछले 9 वर्षों में सरकार की उद्योग समर्थक और किसान समर्थक नीतियों के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र ने 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पीएलआई योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उद्योग में नए उद्यमियों को बड़ी सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के लिए एग्री इंफ्रा फंड के तहत हजारों परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिस में लगभग 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश है, जबकि मत्स्यपालन और पशुपालन क्षेत्र में प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे को भी हजारों करोड़ रुपए के निवेश के साथ प्रोत्साहित किया जा रहा है.