चेन्नई : भाकृअनुप- केंद्रीय खारा जल जीवपालन संस्थान (CIBA ), चेन्नई ने मेसर्स एमिटी एम्पिरिक टैक्नोलौजीज एलएलपी, कर्नाटक के साथ स्वदेशी झींगा लार्वा फीड के उत्पादन के लिए एक रणनीतिक गठबंधन बनाया. कार्यक्रम का आयोजन भाकृअनुप-सीबा की संस्थान प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई द्वारा किया गया था.
सफल हैचरी संचालन के लिए गुणवत्तापूर्ण लार्वा फीड उत्पादन केंद्रीय तत्व हैं. भारत में उपयोग किया जाने वाला लार्वा फीड पूरी तरह से आयातित और महंगा है. इसलिए टिकाऊ जलीय कृषि के लिए झींगा उत्पादन अब लागत प्रभावी एवं स्वदेशी लार्वा फीड समय की मांग है.
पिछले 5 सालों में सीबा में केंद्रित अनुसंधान प्रयासों के परिणामस्वरूप सीबा श्रिम्प लारविप्लस का विकास हुआ. भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप झींगा लार्वा फीड उत्पादन को बढ़ावा देना एक प्राथमिकता है.
भाकृअनुप-सीबा ने 6 नवंबर, 2023 को सीबा के निदेशक डा. कुलदीप के. लाल की उपस्थिति में स्वदेशी झींगा लार्वा फीड के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
उन्होंने एक्वा फीड क्षेत्र में आर्थिक लाभ, नवाचार, विकास, स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता के महत्व पर जोर दिया, जिस का लक्ष्य अनुभव और अनुभवों को साझा कर के दीर्घकालिक और लाभकारी यात्रा के लक्ष्य को हासिल किया जाए.
एमिटी एम्पिरिक टैक्नोलौजीज के सीईओ मोहन रेड्डी ने अपने हैचरी और खेती के अनुभव को गिनाया और सीबा के झींगा लार्वा प्लस के साथ प्राप्त उत्साहजनक परीक्षण परिणामों को साझा किया. इस तकनीकों से हितधारकों को लाभ पहुंचाने और मौजूदा झींगा लार्वा फ़ीड के लिए एक आयात विकल्प बनाने के अपने इरादे को साझा किया.