नई दिल्ली: पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में कहा कि असम राज्य देश में कुल कच्चे तेल के उत्पादन में लगभग 14 फीसदी और कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन में लगभग 10 फीसदी का योगदान देता है. असम से पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के उत्पादन और आयात निर्भरता को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि एशिया में पहली रिफाइनरी वर्ष 1889 में डिगबोई में कच्चे तेल के वाणिज्यिक पैमाने पर उत्पादन के बाद वर्ष 1901 में डिगबोई (असम) में स्थापित की गई थी.
उन्होंने सदन को बताया कि पिछले 4 वित्तीय वर्षों अर्थात 2019-20 से 2022-23 के दौरान राज्य सरकार को कच्चे तेल के लिए 9,291 करोड़ रुपए और गैस उत्पादन के लिए 851 करोड़ रुपए की रौयल्टी का भुगतान किया गया है.
उन्होंने विशेष रूप से नुमालीगढ़ रिफाइनरी विस्तार परियोजना, पूर्वोत्तर गैस ग्रिड, पारादीपनुमालीगढ़ कच्चे तेल की पाइपलाइन और एनआरएल बायोरिफाइनरी सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र में 44,000 करोड़ रुपए की प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख किया. नुमालीगढ़ में 185 केएलपीडी क्षमता की 2जी रिफाइनरी बांस से इथेनाल का उत्पादन करेगी और स्थानीय किसानों के लिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित करेगी.
उन्होंने सदन को यह भी बताया कि सभी पूर्वोत्तर राज्यों को शहरी गैस वितरण नैटवर्क के अंतर्गत शामिल किया जा रहा है, जिस से आम जनता को सस्ता और स्वच्छ खाना पकाने व वाहन के लिए ईंधन उपलब्ध कराया जा सके.
पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सदन को बताया कि सरकार ने अनन्य आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में ‘‘नो गो‘‘ क्षेत्रों को लगभग 99 फीसदी तक कम कर दिया है, जिस के चलते तकरीबन 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर अब अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों के लिए मुक्त है.
सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों में नवीनतम प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना, रुग्ण और पुराने कुओं का प्रतिस्थापन और पुनरुद्धार आदि शामिल हैं. सरकार पूंजीगत व्यय कर रही है और आने वाले वर्षों में उत्पादन बढ़ाने के लिए 61,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित है.
उन्होंने ई एंड पी क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए परिवर्तनकारी कदमों का भी उल्लेख किया और कहा कि राष्ट्रीय तेल कंपनियों (ओएनजीसी और ओआईएल) ने सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय तेल कंपनियों के साथ समझौते किया है.
मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नियत तिथि से पहले इथेनाल सम्मिश्रण लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता पर प्रकाश डाला (वर्ष 2014 में 1.53 फीसदी से 2023 में 12 फीसदी तक) और कहा कि देश अब फ्लैक्स ईंधन इंजन वाहनों के लिए आगे बढ़ रहा है. ई20 (20 फीसदी इथेनाल मिश्रित ईंधन) पहले से ही 6,000 से अधिक खुदरा दुकानों पर उपलब्ध है और वर्ष 2025 तक पूरे देश में उपलब्ध होगा.
उन्होंने सीबीजी, ग्रीन हाइड्रोजन और इलैक्ट्रिक वाहनों जैसे वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया. साथ ही, उन्होंने बताया कि हाल ही में असम के शिवसागर में 483 करोड़ रुपए की कुल लागत से सूई-का-फा मल्टीस्पैशिलिटी (350 बिस्तर) अस्पताल का उद्घाटन करने का भी उल्लेख किया, जिस का खर्च ओएनजीसी ने अपनी सीएसआर गतिविधियों के अंतर्गत किया है, जो ऊपरी असम और अन्य राज्यों के पड़ोसी जिलों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा.