नई दिल्ली: भारत सरकार ने समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन और जमाखोरी व बेईमान सट्टेबाजी को रोकने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए व्यापारियों और थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े चेन रिटेलरों और प्रोसैसरों के लिए लागू गेहूं पर स्टाक सीमा लगा दी है. निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टाक सीमा और आवाजाही प्रतिबंधों को हटाने संबंधी (संशोधन) आदेश, 2023 12 जून, 2023 को जारी किया गया था और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च, 2024 तक लागू था.
केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के अपने निरंतर प्रयासों के अंतर्गत संस्थाओं के संबंध में गेहूं स्टाक सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया है:
सभी गेहूं स्टाकिंग संस्थाओं को गेहूं स्टाक सीमा पोर्टल पर पंजीकरण करना और प्रत्येक शुक्रवार को स्टाक स्थिति अपडेट करना आवश्यक है. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या स्टाक सीमा का उल्लंघन करती है, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के अंतर्गत उचित दंडात्मक कार्यवाही के अधीन होगी.
यदि उपरोक्त संस्थाओं द्वारा रखे गए स्टाक उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक हैं, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टाक सीमा में लाना होगा. केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टाक सीमाओं के कार्यान्वयन की निकटता से निगरानी करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी पैदा न हो.
इस के अलावा सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) यानी ओएमएसएस (डी), के अंतर्गत अनेक कदम उठाए हैं. 101.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं 2,150 रुपए प्रति क्विंटल की रियायती दर पर एफसीआई द्वारा साप्ताहिक ईनीलामी के माध्यम से घरेलू खुले बाजार में कैलिब्रेटेड रिलीज के लिए आवंटित किया गया है. आवश्यकता के आधार पर जनवरी से मार्च, 2024 के दौरान ओएमएसएस के तहत अतिरिक्त 25 एलएमटी को बेचा जा सकता है. अब तक एफसीआई ने साप्ताहिक ईनीलामी के माध्यम से प्रोसैसरों को 44.65 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा है और इस से खुले बाजार में सस्ती कीमतों पर गेहूं की उपलब्धता बढ़ गई है, जिस से देशभर में आम उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है.
खुले बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के एक और कदम के रूप में एफसीआई द्वारा ईनीलामी के माध्यम से पेश की जाने वाली साप्ताहिक मात्रा को तत्काल प्रभाव से 3 लाख मीट्रिक टन से 4 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इस से खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता में और वृद्धि होगी.
एफसीआई नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसे केंद्रीय सहकारी संगठनों को आटा प्रसंस्करण और उन के फिजीकल व मोबाइल आउटलेट के माध्यम से ‘भारत आटा‘ ब्रांड के तहत बिक्री के लिए 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम की किफायती कीमत पर आटा प्रोसैसिंग के लिए गेहूं जारी कर रहा है. उन क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां कीमतें अधिक हैं और एजेंसियां इन क्षेत्रों में लक्षित बिक्री कर रही हैं.
भारत आटे के लिए आपूर्ति की जाने वाली गेहूं की मात्रा को जनवरी, 2024 के अंत तक 2.5 लाख मीट्रिक टन से बढ़ा कर 4 लाख मीट्रिक टन किया जा रहा है. पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नेफेड व एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार को आवंटन की समयसमय पर समीक्षा की जा रही है.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के स्टाक की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.