नई दिल्ली : 14 दिसंबर 2023. आसियान-भारत श्रीअन्न महोत्सव का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिल्ली में किया. आसियान में भारतीय मिशन द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित 2 दिनी इस महोत्सव में भारत सहित आसियान देशों के नीति निर्माता, उद्यमी, विशेषज्ञ स्टार्टअप व अधिकारियों ने भाग लिया.

समारोह में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व शोभा करंदलाजे एवं सचिव मनोज अहूजा भी मौजूद थे. अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अनुरूप महोत्सव का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और श्रीअन्न एवं श्रीअन्न आधारित उत्पादों के लिए बाजार तैयार करना है.

उन्होंने कहा कि श्रीअन्न किसानों, उपभोक्ताओं व पर्यावरण हेतु असंख्य लाभ प्रदान करते हैं एवं वैश्विक खाद्य पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

Shree Annमहोत्सव में शरीक भारत, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलयेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, थाईलैंड व वियतनाम से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अर्जुन मुंडा ने श्रीअन्न के उत्पादन व खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और बाजार नवाचारों पर प्रकाश डालते हुए इस की बढ़ी खपत से जुड़े सामाजिक व आर्थिक, पोषण और जलवायु संबंधी लाभों पर प्रकाश डाला. भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के वृहद आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस ठोस प्रयास ने सीमाओं से बाहर निकल कर इस आयोजन को अद्वितीय महत्व के वैश्विक मील के पत्थर के रूप में तबदील कर दिया है.

टिकाऊ कृषि और पोषण सुरक्षा के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गहरी समझ, वैश्विक एजेंडे में श्रीअन्न को सब से आगे रखने में भारत की सक्रिय प्रगति के पीछे प्रेरणाशक्ति रही है.
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाना, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण सुनिश्चित करने के लिए श्रीअन्न के बारे में जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण रहा है. इस ने अनुसंधान और विकास के साथ विस्तार सेवाओं में निवेश को प्रेरित किया है, जो हितधारकों को श्रीअन्न की उत्पादकता, गुणवत्ता और संबंधित उत्पादन विधियों को बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है. जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों की स्थिति में श्रीअन्न की महत्ता और भी बढ़ जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि श्रीअन्न प्राचीन अनाज है, जिस की खूबी है कि ये छोटे होते हैं, लेकिन पौष्टिक होते हैं और शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं. खेती, जलवायु और भोजन पोषण को सुरक्षित करने के लिए हमारे दृष्टिकोण में क्रांति लाने की शक्ति से श्रीअन्न परिपूर्ण हैं.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हर माने में मोटे अनाज न केवल समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के वाहक हैं, बल्कि एक ऐसा सतत समाधान भी पेश करते हैं, जो हमारी वर्तमान चिंताओं से मेल खाता है.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि श्रीअन्न विविध वातावरण में पनपने की क्षमता रखते हैं, अधिकतम पोषण लाभ प्रदान करते हुए इन के लिए न्यूनतम संसाधनों की जरूरत होती है. श्रीअन्न समय की कसौटी पर खरे उतरे, जिस में नम्यता, अनुकूलनशीलता, आवश्यक पोषक तत्वों का खजाना शामिल है. आहार में श्रीअन्न को अपनाना सिर्फ खुद को पोषण देने के बारे में ही नहीं है, बल्कि यह धरती को पोषित करने, सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ, अधिक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने से संबधित हैं.

मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम अपने किसानों पर पड़ने वाले प्रभाव को पहचानें, क्यों श्रीअन्न सिर्फ फसलें नहीं हैं, बल्कि वे हमारे कृषि समुदायों के लिए आशा की किरण हैं. जो अनिश्चित जलवायु में स्थिरता प्रदान करते हैं. सूखे की स्थिति में पनपने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध श्रीअन्न सही माने में जलवायु हितैषी फसलों की कसौटी पर खरे उतरते हैं. शाकाहारी, ग्लूटन फ्री भोजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर श्रीअन्न वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है. श्रीअन्न मानवता के लिए प्रकृति के उपहार के रूप में है, साथ ही सतत भविष्य के भोजन का एक आशाजनक स्रोत भी है.

Shree Annउन्होंने कहा कि भारत सरकार ने व्यापक अभियान प्रारंभ किए हैं और सब के समर्थन से कुपोषण से निबटने, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न को बेहतर समाधान के रूप में स्थापित किया है.

कृषि मंत्रालय श्रीअन्न के संवर्धन को बढ़ावा देने और इन की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मिलेट्स उपमिशन सक्रिय रूप से कार्यान्वित कर रहा है. कृषि मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों व राज्यों के साथ मिल कर देश में श्रीअन्न के प्रचारप्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. खाद्य एवं कृषि संगठन में मिलेट्स को “एक देश-एक प्राथमिकता उत्पाद” के रूप में नामांकित कर के और इसे 21 जिलों में “एक जिला-एक उत्पाद” तक विस्तारित कर के, हम ने श्रीअन्न की क्षमता का दोहन किया है, उन के पोषण मूल्य और आर्थिक व्यवहार्यता का दोहन किया है.

उन्होंने बताया कि भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को श्रीअन्न के लिए वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र में बदलने संबंधी, मार्च-2023 में वैश्विक मिलेट्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई उद्घोषणा, श्रीअन्न की खेती व वैश्विक अनुसंधान सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हमारी मेहनत का प्रतीक है. आईआईएमआर ने विभिन्न संस्थानों में 25 बीज हब, 18 केंद्र स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है व अन्य कृषि संस्थानों के सहयोग से श्रीअन्न की 200 से अधिक उन्नत किस्में विकसित की हैं. इस से उच्च गुणवत्ता वाले श्रीअन्न बीजों की अधिशेष उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, जिस का उद्देश्य वार्षिक बीज प्रतिस्थापन अनुपात 10 फीसदी तक बढ़ाना है.

महोत्सव में खाद्य सुरक्षा, व्यापार सहयोग सहित अन्य विषयों को ले कर पैनल चर्चा के साथ ही एफपीओ एवं स्टार्टअप द्वारा श्रीअन्न आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई.

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