प्रदेश के किसान लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि राज्य में भांग की खेती को वैध घोषित कर उन की आय में बढ़ोतरी की जाए. भांग की खेती को मान्यता देने के साथ ही इस पर सरकार कड़ी निगरानी रखने की व्यवस्था भी करे, जिस से भांग की खेती का अवैध कारोबार रोका जा सके.
भांग की खेती को मान्यता मिलने के बाद देश के दवा उद्योग की मांग काफी हद तक पूरी हो सकेगी और राज्य सरकार को वित्तीय लाभ भी होगा. प्रदेश के कई इलाकों में भांग की खेती के लिए उपयुक्त वातावरण मौजूद है और वहां के किसान खेती कर के अपना गुजारा करते हैं. अगर सरकार को हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती करने की मान्यता मिलती है, तो प्रदेश में भांग का अवैध कारोबार काफी हद तक रुक पाएगा और किसानों को अपनी आय में बढ़ोतरी करने का मौका भी मिलेगा.
केंद्र सरकार से भांग की खेती करने की मान्यता हिमाचल प्रदेश को अगर मिलती है, तो इस से यहां के किसानों को माली फायदा होने के साथ ही राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ पाएगा. इस के अलावा भांग की अवैध खेती पर भी नकेल कसी जा सकेगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भांग की वैध खेती
शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. इस के लिए सब से पहले प्रदेश के लोगों की राय ली जाएगी. विधानसभा सदन में भी इस बारे में विचारविमर्श किया जाएगा. इस संबंध में विधायकों की एक कमेटी बनाई गई है. इसे राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बनाया गया है. यह कमेटी 4 देशों का दौरा करेगी. उस के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी.
मानसून सत्र में भी सदन में सुलह के भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री इस बारे में चिंतित हैं. पूरा सदन भी चिंतित है. पूरे उत्तराखंड में भांग की खेती एनडीपीएस ऐक्ट के तहत की जाती है. भांग की खेती को करने पर पुरजोर समर्थन कमेटी ने किया है. ग्वालियर में स्थापित भांग से दवाएं बनाने की जगह का भी दौरा किया है. जम्मू और गुलमर्ग में की जा रही भांग की खेती के बारे में अध्ययन किया जा रहा है. इस बारे में नीदरलैंड और इजराइल आदि देश बहुत आगे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चिंता जताते हुए कहा कि भांग की खेती करेंगे तो यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि इस का दुरुपयोग न हो, इस से पहले भी बजट सत्र में भी यह मामला चर्चा के लिए आया था.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने की बात राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में कह चुके हैं. देश के विभिन्न राज्यों खासकर हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भांग की खेती को मान्यता दी गई है. भांग की खेती उत्तराखंड में कड़ी निगरानी में की जाती है और कितनी पैदावार की जा रही है, इस का पूरा ब्योरा रखा जाता है.
भांग की खेती को अगर हिमाचल प्रदेश में वैध रूप से करने की मंजूरी दी जाती है, तो इस से दवा उद्योग को तो फायदा पहुंचेगा ही, साथ ही साथ भांग के पौधों से तैयार होने वाले विभिन्न सामानों का उत्पादन कर लोगों की आय में वृद्धि की जा सकती है. भांग के पौधों से विभिन्न वस्तुएं जैसे रस्सी, कपड़ा और सजावटी चीजों का उत्पादन किया जाता है.