रांची: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने रांची के गढ़ खटंगा में भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा किया. संस्थान में उन के आने पर जनजातीय समुदाय के बच्चों द्वारा उन का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया.

मंत्री अर्जुन मुंडा ने पूर्वी क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर का भी दौरा किया और राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की.

भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान में, अर्जुन मुंडा ने रांची लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद संजय सेठ और निदेशक डा. सुजय रक्षित के साथ बेहतर कृषि उत्पादन से संबंधित संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की.

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारा देश गांवों में बसता है और खेती करना, ग्रामीणों के लिए आजीविका का एक मुख्य स्रोत है.

उन्होंने आगे कहा कि कृषि के विकास का ग्रामीणों की तरक्की से गहरा संबंध है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि संस्थान देश में कृषि विकास की गति को तेज करने के लिए एकीकृत तरीके से सूक्ष्मजीव जैव प्रौद्योगिकी की क्षमता का दोहन करने की व्यापक रणनीति के साथ काम कर रहा है.

Arjun Mundaअर्जुन मुंडा ने पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसंधान परिसर में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की. इस अवसर पर उन्होंने किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया, जो देश की अर्थव्यवस्था में महान योगदान देते हैं.

अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई प्रौद्योगिकियों जैसे कीटनाशक छिड़काव व फसल निगरानी की अतिरिक्त गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कृषि ड्रोन की शुरुआत के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है.

Arjun Mundaमंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान समुदाय से आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम फसल बीमा और पीएम किसान समृद्धि जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठाएं.

राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने लाह की खेती, प्रोसैसिंग और अन्य देशों में निर्यात की चुनौतियों एवं अवसरों को ले कर संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत चर्चा की.

बता दें कि लाह के उत्पादन के मामले में झारखंड राज्य देश में पहले स्थान पर है और लाह की खेती के लिए झारखंड का मौसम भी उपयुक्त है.

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