नई दिल्ली: सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की मांगों को पूरा करने के साथसाथ बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न (गेहूं और चावल) उपलब्ध है, जिस में वर्तमान खरीफ विपणन सीजन 2023-24 में अब तक 237.43 एलएमटी चावल के बराबर 354.22 एलएमटी धान की खरीद की जा चुकी है.
गेहूं और चावल की कीमतों में मुद्रास्फीति के रुझान को कम करने के उद्देश्य से खुले बाजार में गेहूं और चावल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं और चावल को बाजार में उतार रहा है. खुले बाजार में गेहूं उतारने का वर्तमान चरण 28.06.2023 से शुरू हुआ.
सरकार ने ओएमएसएस (डी) के तहत उतारने के लिए 101.5 एलएमटी गेहूं आवंटित किया है. एफएक्यू गेहूं और यूआरएस गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य क्रमशः 2150 रुपए प्रति क्विंटल और 2125 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है. 14 दिसंबर, 2023 तक कुल 25 ई-नीलामी आयोजित की गई हैं, जिस में 48.12 एलएमटी गेहूं खुले बाजार में बेचा गया है.
इस के अतिरिक्त सरकार गेहूं को आटा में परिवर्तित करने और उस आटे को आम जनता को 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं के एमआरपी पर बेचने के लिए नेफेड/एनसीसीएफ/केंद्रीय भंडार/एमएससीएमएफएल जैसी अर्धसरकारी/सहकारी एजेंसियों को भी 21.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं उपलब्ध करा रही है. इन एजेंसियों द्वारा 14 दिसंबर, 23 तक 86,084 एमटी गेहूं का उठाव किया जा चुका है.
एफसीआई के पास उपलब्ध चावल की अच्छी खरीद और स्टाक का उपयोग पीडीएस की आवश्यकता को पूरा करने के साथसाथ बाजार में हस्तक्षेप के लिए भी किया जाएगा.
चावल के लिए सरकार ने ओएमएसएस (डी) के तहत 3,100 रुपए प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के साथ 25 एलएमटी आवंटित किया. ई-नीलामी के माध्यम से, मूल्य स्थिरीकरण निधि द्वारा कवर की गई लागत में 200 रुपए प्रति क्विंटल के अंतर के साथ 2,900 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर चावल की पेशकश की जाती है.
उल्लेखनीय रूप से 14 दिसंबर, 23 तक 1.19 एलएमटी चावल खुले बाजार में निजी व्यापारियों और थोक खरीदारों को बेचा गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में पर्याप्त वृद्धि है. एफसीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों ने व्यापक विज्ञापन के माध्यम से इस पहल को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया. यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित विज्ञापन किया जा रहा है कि ओएमएसएस (डी) नीति का लाभ आम जनता को मिल सके. चावल के व्यापार एवं प्रसंस्करण में शामिल सभी व्यापारी और कोई भी व्यवसायी एफसीआई/एम-जंक्शन पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ऐसी ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं.
हालांकि अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए बोलीदाताओं को अब 1 से 2,000 एमटी तक चावल की किसी भी मात्रा के लिए बोली लगाने की अनुमति है. केंद्रीय पूल के तहत पेश किया जाने वाला चावल उत्कृष्ट गुणवत्ता का है और बाजार में उपभोक्ताओं के लिए आसान एवं किफायती उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए व्यापारियों को ई-नीलामी में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है.