नई दिल्ली : 20 दिसंबर, 2023. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने पिछले दिनों नई दिल्ली में प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की जनहितकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी व कुशल नेतृत्व में सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शुमार है.

उन्होंने बताया कि देश में एम्स की संख्या बढ़ कर 23 हो गई है, जो कि मोदी सरकार के पूर्व सिर्फ 6 ही थी, वहीं आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों) की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है, जो अब करीब 1.63 लाख हो चुके हैं.

प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा व इंदुबाला गोस्वामी भी उपस्थित थीं.

अर्जुन मुंडा ने पीएम मोदी के ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज-किसी को पीछे न छोड़ने’ के दृष्टिकोण के साथ ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जनसामान्य को हो रहे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया कि 23 सितंबर 2018 को रांची (झारखंड) से प्रारंभ यह लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को लक्षित करने वाला दुनिया का सब से बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में पात्र लोगों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का बीमा कवर प्रदान करने का प्रावधान है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम के शुभारंभ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विशेष रूप से आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग से उत्पन्न महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का इस के माध्यम से निदान संभव होगा.

उन्होंने आगे कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने पिछले 70 वर्षों की तुलना में पिछले साढ़े 9 वर्षों में अत्यधिक उपलब्धियां हासिल की हैं. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत आयुष्मान भारत योजना, जिला स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार कर रही है, क्योंकि सरकार की मंशानुरूप नए भारत को फिट भारत बनाने के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति, एक स्वस्थ परिवार और एक स्वस्थ समाज आवश्यक है. मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव की क्रांति देखी गई है, जिसका कारण सरकार की इच्छाशक्ति है. देश में पहली बार स्वास्थ्य को डेवलपमेंट के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है और आज देश में एक ऐसा माहौल बना है, जब हम “हेल्दी नेशन, वेल्दी नेशन” की बात को स्वीकार कर रहे हैं.

केंद्र के स्वास्थ्य बजट को देखें या फिर केंद्र द्वारा राज्यों को स्वास्थ्य सेवा के लिए दिए जा रहे बजट की आवंटित राशि को देखें, तो निश्चित ही काफी बदलाव दिखाई देगा. अब इतिहास का सब से बड़ा हेल्थ बजट आवंटित हो रहा है व साल दर साल यह बजट राशि अधिकाधिक बढ़ाई जा रही है.

मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं से जनसामान्य को जोड़ कर लाभ पहुंचाया जा रहा है. प्रधानमंत्र मोदी की भारत को संपूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने की जो संकल्पना है, उसी दिशा में सरकार ने हेल्थ के सभी पहलुओं पर काम किया है. प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कालेज के लक्ष्य के साथ पिछले 9 वर्षों में इन की संख्या 350 से बढ़ा कर 700 से ज्यादा की गई है. पिछले 9 वर्षों में एमबीबीएस सीटों की संख्या 52 हजार से बढ़ा कर 1 लाख, 8 हजार से अधिक की गई है. साथ ही, पीजी की सीटों की संख्या 32 हजार से बढ़ा कर 70 हजार से अधिक की गई है. देश में पिछले 9 वर्षों में 10 हजार से ज्यादा जन औषधि स्टोर खोले गए और अब इन की संख्या को 10,000 से बढ़ा कर 25,000 से अधिक किया जा रहा है.

मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन गरीबों तक दवाई पहुंचाई है, जो एक समय में दवाओं की पहुंच से बाहर थे. जन औषधि योजना के माध्यम से गरीबों को अभी तक 25,000 करोड़ से अधिक रुपए की बचत हो गई है. उन्होंने कहा कि पीएम के प्रयासों से देश में “स्वस्थ राष्ट्र, धनवान राष्ट्र” की व्यापक भावना बन चुकी है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी क्षेत्रों में 360 डिगरी विकास लाने के लिए सरकार की एक विशाल पहल, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन) के बारे में भी जानकारी दी. पीएम जनमन मिशन का लक्ष्य विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं के माध्यम से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के विकास का है.

उन्होंने बताया कि इस मिशन का वित्तीय परिव्यय लगभग 24,000 करोड़ रुपए और 9 प्रमुख मंत्रालयों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है. जनजातीय स्वास्थ्य, पीएम जनमन के तहत प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है.

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