हिसार: किसानों को उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथसाथ नवीनतम तकनीकों और मार्केटिंग रणनीतियों पर ध्यान देना होगा, ताकि उन के उत्पादों के बेहतर दाम मिलने के साथ अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में उन की मांग बढ़े.

ये विचार प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहे. वे आज चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान दिवस पर बतौर मुख्यातिथि किसानों को संबोधित कर रहे थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने की.

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अपने संबोधन में सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए चलाई जा रही कृषि योजनाओं को विस्तारपूर्वक बताया. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कृषि का बजट जो कि पहले 800 करोड़ रुपए था, वह अब बढ़ा कर 3,900 करोड़ रुपए कर दिया है. बाजरे का भाव, जो पहले 800 रुपए होता था, आज 2,500 रुपए प्रति क्ंिवटल दिया जा रहा है. इस के अलावा सरकार ने नहरों, मछलीपालन, बिजली व ट्यूबवैल कनेक्शन के बजट की भी बढ़ोतरी की है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 14 फसलों की एमएसपी पर खरीदारी होती है. सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत 9,000 करोड़ रुपए किसानों को वितरित किया है, जबकि फसल बीमा कंपनियों ने किसानों से 1973 करोड़ रुपए ही लिए थे. राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कृषि उत्पादों को बेचने के लिए सरकार द्वारा गन्नौर में विश्वस्तरीय सब से बड़ी मंडी बनाई जा रही है, जहां अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक आएंगे. इस के लिए फतेहाबाद, हिसार, करनाल व कुरुक्षेत्र जिलों में उत्पादों की पैंकिग, ग्रेडिंग, सोर्टिंग और कोल्ड स्टोरेज सैंटर बनाए जाएंगे, जहां से उत्पादों को गन्नौर ले जा कर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मंडियों में बेचा जा सकेगा.

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी जैसी आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 125 किसानों को ड्रोन की ट्रेनिंग दिलवा चुकी है और 13 लाख के इलैक्ट्रिक व्हीकल सहित ड्रोन व नैनो यूरिया भी वितरित किए गए हैं, ताकि कोई भी किसान 100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करवा सकता है. इस काम में लगी शेष पूंजी का वहन सरकार द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत एक लाख एकड़ की मंजूरी सरकार द्वारा दे दी गई है.

प्राकृतिक संसाधन नई पीढ़ी की धरोहर, शुद्ध भोजन की शुरुआत अपने परिवार से करें

कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा प्रदेश देश के कुल अनाज का 7 फीसदी उत्पादन करता है. राज्य में गेहूं का उत्पादन 6 गुना, चावल 8 गुना एवं तिलहनी फसलों का उत्पादन 5 गुना बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि ये सब उपलब्धियां हरियाणा सरकार की किसान हितेषी नीतियों और चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा सिफारिश की गई कृषि संबंधी उन्नत व नवीनतम तकनीकों को अपनाने व किसानों की मेहनत का परिणाम है. प्रदेश में उन्नत बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय हर वर्ष विभिन्न फसलों का तकरीबन 22,500 क्ंिवटल से अधिक उन्नत बीज पैदा कर के राज्य के विभिन्न निगमों व किसानों को वितरित करता है. उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश देश के 60 फीसदी से अधिक बासमती चावल का निर्यात केवल हरियाणा से ही होता है.

कुलपति बीआर कंबोज ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन नई पीढ़ी की धरोहर है. प्राकृतिक खेती के मौडल को अपनाते हुए पोषणयुक्त खाद्यान्न पैदा करते हुए अपने परिवार से ही शुद्ध भोजन की शुरुआत करें.
उन्होंने किसानों से कहा कि वे कृषि में विविधीकरण को अपनाएं और उत्पादन की क्वालिटी बढ़ाएं, ताकि विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा का मुकाबला किया जा सके. किसानों को कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है.

कुलपति बीआर कंबोज ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद से किसानों को प्रेरित करें कि वे नईनई तकनीकों को अपनाएं, ताकि उन की आय बढ़ाई जा सके.

कुलपति बीआर कंबोज ने जल संरक्षण पर उचित उपाय अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि जल का दोहन इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में कृषि उत्पादन में 30 फीसदी तक की कमी की संभावना है. जल संसाधनों का बेहतर प्रयोग, वाटरशेड विकास, वर्षा जल संचय और उन्नत तकनीकों को अपना कर पानी का उचित प्रबंध करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बूंदबूंद पानी का सदुपयोग करें.

शिक्षा, चिकित्सा, कृषि सहित सभी क्षेत्रों में महिलाएं निभा रहीं अग्रणी भूमिका

राज्यसभा सांसद जनरल डीपी वत्स ने अपने संबोधन में समारोह में उपस्थित महिला किसानों की अधिक संख्या पर खुशी जताई और कहा कि महिलाओं की जिस भी क्षेत्र में हिस्सेदारी रही है, वह क्षेत्र हमेशा आगे रहा है. हमारा देश 70 से ज्यादा देशों में खाद्यान्न का निर्यात करता है, जो दर्शाता है कि हमारा देश कृषि के क्षेत्र में कितना अग्रणीय है.

उन्होंने आगे कहा कि हमें जाति से ऊपर उठ कर राष्ट्र हित में अपना योगदान देना चाहिए, ताकि हमारा देश नंबर वन बन सके. साथ ही, उन्होंने समय के साथसाथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किसान उपयोगी आधुनिक तकनीक व उन्नत किस्में विकसित करने के लिए उन की प्रशंसा की.

विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं विस्तार शिक्षा निदेशक डा. बलवान सिंह मंडल ने सभी का स्वागत किया, जबकि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एसके पाहुजा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

इस अवसर पर मुख्यातिथि जेपी दलाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस अवसर पर मुख्यातिथि जेपी दलाल ने विश्वविद्यालय व कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने वाले किसानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...