सवाल: मक्का के पौधों की पत्तियों को जगहजगह से कीड़ों ने खा लिया है. फसल के पत्ते भी खराब हो रहे हैं. समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं? खराब पौधों का फोटो भी भेज रहा हूं, कृपया समाधान बताने का कष्ट करें.
जवाब: फोटो देख कर पता चल रहा है कि मक्का के पौधों पर फाल आर्मीवर्म कीट का प्रकोप है. इस के बारे में यहां विस्तार से जानकारी दी जा रही है:
कीट की पहचान एवं प्रबंधन
पहचान: फाल आर्मीवर्म का लार्वा हलके भूरे से काले रंग का होता है और पीछे की ओर 3 हलकी पीली धारियां होती हैं. प्रत्येक तरफ एक चैड़ी गहरी पट्टी और एक लहरदार पीलीलाल धब्बेदार पट्टी होती है. लार्वा के शरीर के अंत में एक जोड़े के अलावा 4 जोड़े मांसल पेट के प्रोलेग होते हैं. फाल आर्मीवर्म और कौर्न ईयरवर्म दोनों से मिलताजुलता है, लेकिन फाल आर्मीवर्म कीट के काले सिर के सामने एक सफेद उलटा ‘ल्‘ निशान होता है.
कौर्न ईयरवर्म का सिर नारंगीभूरे रंग का होता है, जबकि फाल आर्मीवर्म का सिर भूरे रंग का होता है और उस पर गहरे शहद के छत्ते के निशान होते हैं. फाल आर्मीवर्म के पेट के 8वें खंड के शीर्ष पर एक वर्ग में व्यवस्थित 4 काले धब्बे होते हैं.
नुकसान: यह कीट दिन और रात के दौरान भोजन करता है, लेकिन आमतौर पर सुबह या देर दोपहर में सब से अधिक सक्रिय होता है. यह कीट मक्का की पत्तियों (गोभ ) के साथसाथ बालियों को भी नुकसान पहुंचाता है.
निगरानी:
– मक्का उत्पादकों को देर से बोए गए खेतों या इन समस्याओं के इतिहास वाले खेतों पर बारीकी से ध्यान देना चाहिए.
– इस कीट की समस्याएं आमतौर पर 1 जून के बाद बोए गए खेतों से जुड़ी होती हैं. संक्रमण का शीघ्र पता लगाने से इस कीट पर अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया जा सकता है.
– फाल आर्मीवर्म की गतिविधि के लिए जून के मध्य में मकई की जांच शुरू करें. खेत में कम से कम 5 स्थानों से लगातार 20 पौधों का सर्वे करें. स्वीट कौर्न में इस कीट की निगरानी के लिए फैरोमौन जाल का भी उपयोग किया जाता है.
प्रबंधन:
– खेत में पड़े पुराने अवशेषों एवं खरपतवार को नष्ट कर देना चाहिए.
– मिट्टी की जांच के आधार पर संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए.
– हर सप्ताह फसल का निरीक्षण करते रहना चाहिए.
– इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी 500 मिलीलिटर या क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी 200 मिलीलिटर को 500 लिटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें.
-प्रो. रवि प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, निदेशक प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी देवरिया-274702