केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर में नेशनल कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन औफ इंडिया (एनसीडीएफआई) लिमिटेड के मुख्यालय का शिलान्यास करते समय कहा कि हमारे देश में डेयरी सैक्टर ने बहुआयामी लक्ष्यों को हासिल किया है. हम दुनियाभर में सालों से दूध उत्पादन के मामले में पहले नंबर पर हैं.

अमित शाह ने कहा कि डेयरी उद्योग में ईमार्केट को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार दिए गए हैं. एनसीडीएफआई के सदस्यों से उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें उन्हे सौ फीसदी बिजनेस की ओर जाना चाहिए.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अभी गुजरात में हम ने एक छोटा सा प्रयोग शुरू किया है, पंचमहल जिला डेयरी, बनासकांठा जिला डेयरी और गुजरात स्टेट कोआपरेटिव बैंक के सहयोग से हम हर किसान को रूपे कार्ड दे रहे हैं. हर गांव की डेयरी को बैंक मित्र बना कर एटीएम दे रहे हैं. साथ ही, डेयरी और हर किसान का अकाउंट जिला कोआपरेटिव बैंक में ट्रांसफर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अकेले बनांसकाठा जिले में 800 करोड़ रुपए की डिपोजिट बढ़ी है और 193 एटीएम कार्यरत हैं. 96 फीसदी किसान के पास रूपे डेबिट कार्ड पहुंच चुका है. अब किसान को किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है. उन के दूध का पेमेंट सीधा जिला कोआपरेटिव बैंक बनासकांठा के अकाउंट में जमा होता है. इस से जुड़ा रूपे कार्ड उस के पास है, उन्हें अगर कहीं से कुछ भी खरीद करनी है या कैश चाहिए, तो वे अपने गांव की डेयरी के एटीएम से कैश ले सकते हैं.

अमित शाह ने कहा कि अगर यही मौडल पूरे गुजरात की हर डेयरी को केंद्र बना कर हर जिले में लागू किया जाए, तो किसान को किसी भी खरीद के लिए जेब से कैश नहीं निकालना पड़ेगा.

कोआपरेटिव का अहम रोल

गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इनफार्मल इकोनोमी की जगह फार्मल इकोनोमी और देश के अर्थतंत्र को बढ़ावा देने में कोआपरेटिव का अहम रोल होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हम ने कोआपरेटिव को बढ़ावा देने में कोआपरेटिव की ही भूमिका हो, इस प्रकार के अर्थतंत्र की कल्पना की है. सारे दुग्ध संघ के पदाधिकारियों को इस मौडल का अध्ययन करना चाहिए और हर जिला दुग्ध उत्पादक संघ को भेजना चाहिए, ताकि पता चल सके कि कोआपरेटिव सैक्टर की स्ट्रेंथ में कितनी बढ़ोतरी हुई है.

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