नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय भवन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा, सचिव, सहकारिता मंत्रालय ज्ञानेश कुमार, नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) के प्रबंध निदेशक और देशभर से बहुराज्यीय सहकारी फेडरेशन, बहुराज्यीय सहकारी समितियों एवं बैंकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
अपने संबोधन में मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारी पंजीयक केंद्रीय कार्यालय, ‘सहकार से समृद्धि‘ के संकल्प को मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार में नए कानून, नए औफिस और नई पारदर्शी व्यवस्था के साथ सहकारिता क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है. सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन के 2 साल बाद आज मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसायटी ऐक्ट में 98वें संशोधन के अनुसार सभी परिवर्तन का अनुवाद होने के बाद इस की स्पिरिट को हमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) और सभी छोटी से छोटी इकाइयों तक पहुंचाने के प्रयास करने चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता क्षेत्र में लाए गए सभी सुधारों में सभी राज्यों ने राजनीति से ऊपर उठ कर सहकारिता मंत्रालय को समर्थन दिया है और ऐसे समय में सहकारिता क्षेत्र में एक नया आत्मविश्वास पैदा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें पूरे सहकारिता क्षेत्र में आत्मविश्वास भरने में बहुत उपयोगी साबित होंगी.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने पिछले 30 महीनों में 60 पहल की हैं और पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी भूमिका बना कर हमारे सामने रखी है. उन्होंने कहा कि मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसायटी के तहत हर संस्था का उपभोक्ता कमोबेश मध्यम तबके, उच्चमध्यम तबके और गरीब तबके का है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 9 सालों में सभी जरूरी सुविधाएं दे कर देश के करोड़ों गरीबों के जीवन को बहुत सरल बना दिया है. इन करोड़ों गरीबों को पूंजी के बिना देश के विकास में योगदान देने में सक्षम बनाने की क्षमता सिर्फ सहकारिता में है.
अमित शाह ने कहा कि ये सहकारिता का ही दम है कि आज गुजरात में 36 लाख परिवार पशुपालन के व्यवसाय के साथ जुड़े हैं और इन का सालाना टर्नओवर 60,000 करोड़ रूपए है.
उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में इनसानियत के साथ सभी व्यवस्थाएं बनाने की क्षमता है. पिछले 2 सालों में सहकारिता के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व काम किए गए हैं. मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसायटी के लिए बनाए गए नए कानूनों को सभी ने लागू किया है.
उन्होंने कहा कि यह इस बात का सब से बड़ा उदाहरण है कि कोआपरेटिव सैक्टर खुद भी उठना चाहता है और सुधारों का स्वागत करता है. उन्होंने कहा कि अगर सहकारिता क्षेत्र अपनी विश्वसनीयता खो देता है, तो विस्तार तो होगा ही नहीं, साथ ही साथ अस्तित्व का संकट भी सामने आ जाएगा.
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इफको ने प्रयोग के तहत नैनो डीएपी और नैनो यूरिया लिक्विड बनाया है और इसे बहुत कम समय में किसानों के खेतों तक पहुंचा दिया है. इस वक्त इस की बहुत ज्यादा जरूरत है, क्योंकि भूमि संरक्षण हमारी उपज के लिए बेहद जरुरी है.
उन्होंने कहा कि देश के गांवों में सब से ज्यादा आकर्षण ड्रोन द्वारा लिक्विड यूरिया के छिड़काव के प्रति देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि आज जब पीएसीएस के माध्यम से ड्रोन दीदी खेतों में ड्रोन से छिडकाव करती हैं तो लोगों में विश्वास जगता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधुनिकता से जुड़ रही है.
मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि देश सहकारिता के हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि देश में 2 लाख नए पीएसीएस पंजीकृत हों. अब तक 12,000 से ज्यादा पीएसीएस रजिस्टर हो चुके हैं और समय से पहले ही हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि मल्टीस्टेट कोआपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी को बैंक में परिवर्तित होने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि साल 2020 में 10 मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसाइटी रजिस्टर हुई थीं और साल 2023 में 102 नई मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसाइटी रजिस्टर हुई हैं यानी 10 गुना इजाफा.
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस परिवर्तन को हमें और गति देनी है, जिस से ज्यादा से ज्यादा बैंक मल्टीस्टेट बनें और ज्यादा से ज्यादा मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसाइटी और क्रेडिट सोसाइटी बैंक में परिवर्तित हों.