भुवनेश्वर: एससी एसपी परियोजना के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर द्वारा कृषि में महिलाओं पर आधारित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना द्वारा उदयपुर में 2 कस्टम हायरिंग सैंटर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं कृषिरत महिलाओं पर आधारित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी – डब्ल्यूआईए) द्वारा गोद लिए गए गांव मदार में स्थापित किए गए.
कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक डा. मृदुला देवी, केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर द्वारा किया गया. पहला कस्टम हायरिंग सैंटर महिलाओं के लिए मल्टीकमोडिटी प्रोसैसिंग-आटा चक्की के माध्यम से सशक्तीकरण प्रदान करना, जिस की कुल लागत 68,700 /- रुपए और दूसरा सिलाई मशीन द्वारा आजीविका सुरक्षा के लिए कस्टम हायरिंग सैंटर स्थापित किया गया, जिस की कुल लागत 75000 /- रुपए केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर द्वारा वहन की गई. इस में महिलाओं को मोटर व पैर से चलने वाली 10 सिलाई मशीनें वितरित की गईं, जिन के माध्यम से महिलाएं अपने स्वरोजगार को बढ़ा सकेंगी और चक्की के माध्यम से दालों एवं मसालों का प्रसंस्करण कर के बाजार तक उपलब्ध करा कर अपनी आय में इजाफा कर सकेंगी.
मल्टीकमोडिटी प्रोसैसिंग-आटा चक्की की अध्यक्ष शांता मेघवाल, महादेव महिला सीएचसी समूह की रहेगी एवं सिलाई मशीन द्वारा आजीविका सुरक्षा के लिए कस्टम हायरिंग सैंटर की अध्यक्ष ज्योति मेघवाल रहेंगी. दोनों ही समूह में 10-10 सदस्य होंगे.
उद्घाटन समारोह के पश्चात डा. मृदुला देवी द्वारा महिलाओं से संवाद किया गया. कार्यक्रम में एक्रीप की पूरी टीम उपस्थित थी. कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. विशाखा बंसल, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय द्वारा दिया गया.