सब्जियों के कुल उत्पादन में जायद सब्जियों का प्रमुख स्थान है. गरमी के महीनों में ये मुख्य आहार का काम करती हैं. दूसरी ऋतुओं की फसलों की तरह इन में भी कीटों का प्रकोप होता है, जिस से उत्पादन और गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए यह जरूरी है कि किसानों को जायद की सब्जियों में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों व उन के प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए.
फल मक्खी
यह कद्दू परिवार की सब्जियों जैसे लौकी, करेला, कद्दू, खीरा, तोरई, खरबूजा, तरबूज आदि को हानि पहुंचाने वाला प्रमुख कीट है. प्रौढ़ मक्खी भूरे रंग की होती है, जिस के शरीर पर 2 पारदर्शक पंख होते हैं व टांगें पीले रंग की होती हैं. सूंड़ी जिन्हें मैगट कहते हैं, पीले रंग की होती है. मैगट के शरीर का अगला हिस्सा मोटा, हलका काला व पिछला हिस्सा बेलनाकार होता है.
क्षति के प्रकार
मैगट फलों को हानि पहुंचाते हैं, जबकि मादा मक्खी अपने नुकीले डंक की मदद से अंडे देती है, जिस से अंडे दिए गए स्थान पर रस निकलना शुरू हो जाता है. बाद में उस स्थान पर भूरा काला धब्बा बन जाता है.
मक्खी जिस स्थान पर अंडे देती है उस जगह के ऊतक नष्ट हो जाते हैं, जिस से फल टेढ़ेमेढ़े हो जाते हैं.
अंडों से सूंडि़यां निकलने के बाद फलों के अंदर घुस कर खाना शुरू कर देती हैं, जिस से फलों में सड़न पैदा हो जाती है और उन का गूदा मटमैला हो जाता है. कीट के प्रकोप के कारण सब्जियां खाने व बेचने लायक नहीं रह जाती हैं.