रायपुर: 25 जनवरी. खरीफ सीजन 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद में अब कुछ ही दिन बचे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ में कई लाख किसान अब तक अपना धान बेच नहीं पाए हैं. विपक्षी दल कांगे्रस ने राज्य में धान खरीद अभियान को एक मार्च तक बढ़ाने की मांग की है. एक नवंबर, 2023 को शुरू हुई धान की खरीद 31 जनवरी, 2024 को पूरी होने वाली है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद दीपक बैज ने कहा कि धान खरीद अभियान को एक मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि खरीद का लक्ष्य हासिल किया जा सके और किसान अपनी उपज बेच सकें.

उन का यह भी कहना है कि राज्य में चुनाव होने के चलते कई किसानों ने धान नहीं बेचा था. अभी भी 5 लाख से ज्यादा किसानों का धान बेचना बाकी है. दिसंबर, 2023 में नई बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का आदेश दिया था. लेकिन इस से पहले बड़ी तादाद में किसान पिछली सरकार द्वारा निर्धारित प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से धान बेच चुके थे. ऐसे किसानों को अतिरिक्त एक क्विंटल धान बेचना बाकी है.

छत्तीसगढ़ में पिछली कांगे्रस सरकार ने खरीफ सीजन 2023-24 में 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा था. प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीद के फैसले के बाद खरीद लक्ष्य बढ़ जाएगा. राज्य में कम से कम 150 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होनी चाहिए.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने धान खरीद केंद्रों पर बदइंतजामी का आरोप लगाते हुए दावा किया कि किसानों को टोकन जारी करने और उपज की तौल की प्रक्रिया धीमी हो गई है. भाजपा ने किसानों को धान का भाव 3100 रुपए प्रति क्विंटल देने का वादा किया था. किसानों को अभी तक यह भाव नहीं मिला है. धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है जो कि सामान्य ग्रेड धान के लिए 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2203 रुपए है. कांगे्रस ने किसानों को धान का भाव 3100 रुपए प्रति क्विंटल दिए जाने की मांग की है.

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