उदयपुर: 26 जनवरी, 2024. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर के खेल मैदान पर देश का 75वां गणतंत्र दिवस समारोह उत्सापहपूर्वक मनाया गया. इस मौके पर प्रगतिशील किसानों के अलावा उत्कृष्ट काम करने वाले शैक्षिक, तकनीकी, कार्मिकों एवं विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधीन 7 जिलों के डीन व डायरैक्टर व कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारियों ने भाग लिया. इस अवसर पर डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि गणतंत्र दिवस स्वतंत्र और एकीकृत भारत की मूल भावना का प्रतीक है. 26 जनवरी, 1950 वह गौरवशाली दिन था, जब हम ने भारत के संविधान को लागू किया. आज भारत हर क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहा है. हमारा विश्वास है कि प्रत्येक क्षेत्र में आने वाला समय भारत का है.
उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि साल 2023 हमारे विश्वविद्यालय के सफलतम वर्षों में से एक रहा है, जिस में शिक्षण, शोध, प्रसार और उद्यमिता विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं. उन्होंने वर्षपर्यंत विश्वविद्यालय व संघटक महाविद्यालयों में हुए विविध कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाने में भीे इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है.
डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि विश्वविद्यालय ने विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं द्वारा साल 2023 में 76 तकनीकों का विकास कर किसानों के उपयोग के लिए सिफारिश की गई है. एमपीयूएटी को विगत एक वर्ष में 13 टैक्नोलौजी और मशीन हेतु प्राप्त करने पर पेटेंट गौरवान्वित करने का अवसर है. इस के अलावा बीजोत्पादन, मत्स्य, मुरगीपालन, मशरूम उत्पादन, तकनीक हस्तांतरण में भी विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय काम किए. यही नहीं, प्राकृतिक खेती में भी विश्वविद्यालय ने कदम रखा है और अच्छे नतीजे आने की उम्मीद है.
प्रगतिशील किसानों सहित कृषि वैज्ञानिकों व छात्रछात्राओं का सम्मान
कार्यक्रम के आयोजक छात्र कल्याण अधिकारी डा. मनोज महला ने बताया विगत वर्ष में उल्लेखनीय कामों के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों व शैक्षणेत्तर कर्मचारियों को कुलपति ने प्रशस्तिपत्र दे कर सम्मानित किया.
सम्मानित होने वाले प्रगतिशील किसान: हीरालाल चरपोटा, रतन लाल खांट (बांसवाड़ा), अंबालाल जाट, रामेश्वर लाल जाट, परमेश्वर लाल व कालूलाल माली (सभी भीलवाड़ा), राम सिंह मीणा, जगदीश लाल धाकड़ (चित्तौड़गढ़), हितेश पटेल, अमृत लाल परमार (डूंगरपुर), केसूलाल मीणा, भैरूलाल मीणा (प्रतापगढ़), छोगालाल सालवी, महेंद्र प्रताप सिंह पंवार (राजसमंद) और शंकर लाल जणवा, भैरूलाल जाट (उदयपुर).
उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित: डा. पीके सिंह, डा. रतन लाल सौलंकी (चित्तौड़गढ़), डा. पीसी चपलोत, हनुमान सिंह सौलंकी, कौशल सिंह, तुलसीराम डांगी, रमेश कुमावत. इन के अलावा केवीके, भीलवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक व हैड डा. सीएम यादव व टीम एआरएसएस, वल्लभनगर के डा. केके यादव व उन की पूरी टीम, प्राकृतिक खेती के लिए भीलवाड़ा के डा. एलएल पंवार व टीम डा. एनएल पंवार व टीम को सम्मानित किया गया. साथ ही, विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में अध्ययनरत 15 छात्रछत्राओं को भी सम्मानित किया गया.
जनसंपर्क अधिकारी डा. लतिका व्यास ने बताया कि परेड का नेतृत्व अंडर अफसर हर्षवेंद्र सिंह राणावत ने किया. आरंभ में कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक व अतिथियों ने फूलों की खेती (फ्लोरल गाइड) पर आधारित निर्देशिका का विमोचन किया. संचालन डा. विशाखा बंसल ने किया.
डा. रेखा व्यास को वरिष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार- 2024
डा. रेखा व्यास, एमेरिटस प्रोफैसर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर को सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय, तुरा, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल द्वारा उमियाम, मेघालय में 17-19 जनवरी, 2024 को आयोजित 35वें द्विवार्षिक सम्मेलन में होम साइंस एसोसिएशन औफ इंडिया द्वारा वरिष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार 2024 से नवाजा गया. यह पुरस्कार उस वैज्ञानिक को दिया जाता है, जिस ने अनुसंधान के माध्यम से समाज के उत्थान में अपना योगदान दिया.
डा. रेखा व्यास ने ‘कार्यस्थल के अप्रकट हत्यारे: स्वास्थ्य जोखिम एवं मांसपेशियों संबंधी विकार’ पर अनुसंधान प्रस्तुति दी, जिस में 7 व्यवसाय करने वाले यानी किसान, सब्जी उत्पादक, डेयरी कर्मचारी, निर्माण श्रमिक, टेलर, दरी बुनकर एवं कार्यालय कर्मचारियों को कार्यस्थल पर होने वाले जोखिम पर किए गए शोध व उन से बचाव की तकनीक व उपाय बताए.
इस सम्मेलन में देश के 27 राज्यों से 400 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह पुरस्कार उन्हें नागालैंड की संसद की सदस्या एस. फांगनोन कोन्याक ने कुलपति व अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रदान किया.