बलिया जिला मुख्यालय से महज 16 किलोमीटर उत्तर और बांसडीह ब्लौक से तकरीबन 1 किलोमीटर पश्चिम दिशा में स्थित है, मिरिगिरी टोला, जो पिंडरा ग्राम सभा में आता है. इस गांव के 71 साल के वकील जय प्रकाश पांडेय हैं, जिन की शिक्षा स्नातक विज्ञान, एलएलबी है.
सरकारी वकील के रूप में उन्होंने साल 1975-2011 तक अपनी सेवा दी और उस के बाद रिटायर हुए. आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, सोहांव, बलिया के अध्यक्ष प्रोफैसर रवि प्रकाश मौर्य ने वकील साहब के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया और उन से चर्चा की.
प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने फार्म एन फूड को बताया कि वकील साहब के अनुसार उन के पास 5 एकड़ जमीन है. साथ ही, उन के पास आधुनिक कृषि यंत्र हैं, जैसे रोटावेटर, डिस्क हैरो, लेजर लैवलर, पैडी चापर हैरो, मल्टीप्लाऊ, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, स्प्रिंकलर सैट, टपक सिंचाई यंत्र वगैरह.
वकील से किसान बने जय प्रकाश पांडेय ने तकरीबन 4 एकड़ क्षेत्रफल में नीबू की प्रजाति ‘लेमनकला’ की खेती की, जिस में लगभग 1,500 पौधे हैं. वहीं दूसरी ओर 1,000 वर्गमीटर के पोषण वाटिका में शिमला मिर्च, ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी, मिर्च, लालमूली, शलजम, चुकंदर, टमाटर, बैगन, बांकला, स्ट्राबेरी देखने लायक है, जो परिवार के लिए कीटनाशकमुक्त, जैविक सब्जियों का स्रोत है. इस के अलावा 10 वर्गमीटर में गेंदा फूल, डहेलिया और विभिन्न प्रकार के गुड़हल मनमोहक हैं, वहीं 40 वर्गमीटर में औषधि पौधे के रूप में लैमनग्रास, खस, तुलसी और पुदीना लगाया है.
अंगूर के 6, अपराजिता, मौसम्मी, सहजन के 200 पौधे हैं. इन्होंने नीबू की बीजू 10,000 पौधों की नर्सरी और 5,000 कलमी पौधे तैयार कर रखे हैं.
उन्होंने मधुमक्खीपालन भी 100 बक्सों में किया है. उन के पास एक साहीवाल गाय है, जिस से परिवार के लिए दूध मिलता है. इस गाय की एक बछिया भी है, जो भविष्य की धरोहर है.
जैविक विधि से भी खेती करने के लिए जय प्रकाश पांडेय कोशिश कर रहे हैं. इन के प्रक्षेत्र को देखने के लिए हर रोज बाहर से भी किसान व अधिकारी आते रहते हैं. अन्य सेवानिवृत्त लोगों और नौजवानों को वकील साहब से प्रेरणा लेनी चाहिए. इन्होंने बांसडीह बायोएनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, मिरिगिरी टोला, बांसडीह-277202 नाम से किसानों के लिए एफपीओ बनाया है, जिस में 947 किसान जुड़े हुए हैं.