नई दिल्ली: 1 फरवरी 2024. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने अंतरिम बजट पर कहा कि यह बजट गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों की आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. किसानों के कल्याण के लिए अनेक ठोस कदम पिछले कुछ सालों में उठाए गए हैं.
इन में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) स्कीम बहुत ही अहम है, जिस के तहत अभी तक 11.80 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हुआ है. बिना बिचैलियों के तकरीबन 2.81 लाख करोड़ रुपए किसानों के बैंक खातों में जमा कराए गए हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से भी तकरीबन 4 करोड़ किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है. इसी तरह किसानों के लाभ के लिए 1361 ईनाम मंडियां शुरू की गई हंै, जिन पर अभी तक 3 लाख करोड़ रुपए का कारोबार दर्ज हो चुका है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आत्मनिर्भर तिलहन अभियान सरकार की महत्वपूर्ण पहल है. साल 2022 में घोषित पहल के आधार पर, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता‘ प्राप्त करने के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी. इस में अधिक उपज देने वाली किस्मों के लिए अनुसंधान, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाना, बाजार संपर्क, खरीद, मूल्य संवर्धन व फसल बीमा शामिल होंगे.
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह भी बताया कि किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार एकत्रीकरण, आधुनिक भंडारण, कुशल आपूर्ति श्रंखला, प्राथमिक व माध्यमिक प्रसंस्करण और विपणन एवं ब्रांडिंग सहित फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी व सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी. सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी (उर्वरक) का विस्तार किया जाएगा. डेयरी किसानों को समर्थन देने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. मत्स्यपालन को बढ़ावा देते हुए 5 एकीकृत एक्वा पार्क लगाए जाएंगे, वहीं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के काम को आगे बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इस के बारे में विस्तार से उल्लेख किया है. सरकार ने जनता पर टैक्स का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला है. अगले 5 सालों में पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे. इस योजना के तहत सरकार 3 करोड़ घर के लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब है. इसी तरह, किराए के मकानों, झुग्गियों, चालों और अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले मध्यम तबके को अपना घर खरीदने या बनाने में मदद करने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी.
अंतरिम बजट में आयुष्मान भारत का विस्तार करते हुए इस योजना के तहत हेल्थकेयर कवर सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं तक बढ़ाया जाएगा. लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य भी बढ़ा कर 2 करोड़ से 3 करोड़ कर दिया गया है. 9 करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख स्वयंसहायता समूह (एसएचजी) सशक्तीकरण व आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक व आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं. उन की कामयाबी ने तकरीबन एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है.
इसी प्रकार, रूफटौप सोलेराइजेशन के माध्यम से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे. रेल यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा व आराम बढ़ाने के लिए 40 हजार सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों में परिवर्तित किया जाएगा. साल 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण व द्रवीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी. इस से प्राकृतिक गैस, मिथेनाल, अमोनिया के आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी.
परिवहन के लिए सीएनजी व घरेलू उद्देश्यों के लिए पीएनजी में सीबीजी (संपीड़ित बायोगैस) का चरणबद्ध मिश्रण अनिवार्य किया जाएगा. संग्रहण में सहायता के लिए बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए बायोमैन्युफैक्चरिंग व बायोफाउंड्री की नई योजना शुरू की जाएगी.