लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसानो को विभिन्न प्रजातियों के उच्च क्वालिटी के पौधे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इजराइली तकनीक पर आधारित हाईटैक नर्सरी तैयार की जा रही है. यह काम मनरेगा अभिसरण के तहत उद्यान विभाग के सहयोग से कराया जा रहा है और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की दीदियां भी इस में हांथ बंटा रही हैं. इस से स्वयं सहायता समूहों को काम मिल रहा है.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन से कृषि एवं औद्यानिक फसलों को नई ऊंचाई मिलेगी. विशेष तकनीक का प्रयोग कर के यह नर्सरी तैयार की जा रही है. सरकार की मंशा है कि प्रदेश का हर किसान समृद्ध बने और बदलते समय के साथ किसान हाईटैक भी बने.
सरकार पौधरोपण को बढ़ावा देने के साथ बागबानी से जुड़े किसानों को भी माली तौर पर मजबूत बनाने का काम कर रही है. मनरेगा योजना से 150 हाईटैक नर्सरी बनाने के लक्ष्य के साथ तेजी से काम किया जा रहा है.
ग्राम्य विकास विभाग ने इस को ले कर प्रस्ताव तैयार किया था, जिस को ले कर जमीनी स्तर पर युद्धस्तर पर काम हो रहा है. हाईटैक नर्सरी से किसानों की माली हालत भी मजबूत हो रही है.
प्रदेश में 150 हाईटैक नर्सरी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. 44 जिलों की 56 साइटों पर हाईटैक नर्सरी बनाने का काम शुरू किया जा चुका है.
कन्नौज के उमर्दा में स्थित सैंटर औफ ऐक्सीलेंस फौर वेजिटेबल की तर्ज पर प्रदेश के सभी जिलों में 2-2 मिनी सैंटर (150) स्थापित करने की कार्यवाही जारी है. किसानों को उन्नत किस्म के पौध के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. बुलंदशहर, बागपत, वाराणसी, बरेली, मिर्जापुर और मेरठ की 7 हाईटैक नर्सरियों में सिडलिंग प्रोडक्शन का काम भी प्रारंभ हो चुका है.
समूह की दीदियों को रोजगार
नर्सरी की देखरेख करने के लिए स्वयं सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई है. समूह के सदस्य नर्सरी का काम देखते हैं, जो पौधों की सिंचाई, रोग, खादबीज आदि का जिम्मा संभालते हैं. इस के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है.
किसानों की आय में बढ़ोतरी
सरकार उच्च क्वालिटी व उन्नत किस्म के पौधों की नर्सरी को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है. प्रत्येक जनपद में पौधशालाएं बनाने का काम किया जा रहा है. इन में किसानों को फूल और फल के साथ सर्पगंधा, अश्वगंधा, ब्राह्मी, कालमेघ, कौंच, सतावरी, तुलसी, एलोवेरा जैसे औषधीय पौधों को रोपने के लिए जागरूक किया जा रहा है. किसानों को कम लागत से अधिक फायदा दिलाने के लिए पौधरोपण की नई तकनीक से जोड़ा जा रहा है.
ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि प्रदेश में 150 हाईटैक नर्सरी के निर्माण की कार्यवाही मनरेगा कन्वर्जेंस के अंतर्गत की जा रही है, जिस के सापेक्ष 125 हाईटैक नर्सरी की स्वीकृति जनपद स्तर पर की जा चुकी है. 56 साइटों पर काम जारी है, जबकि 7 हाईटैक नर्सरी में सिडलिंग प्रोडक्शन का काम प्रारंभ हो चुका है.