नई दिल्ली : मार्च, 2023. भविष्य में खाद्य सुरक्षा के दृष्टिगत विकल्प में पौध आधारित आहार पर विचारविमर्श करने के लिए प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित आहार प्रदर्शनी के दौरान ‘पौध आधारित युग के उषाकाल’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया गया.

प्लांट बेस्ड फूड्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (पीबीएफआईए) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पौध आधारित खाद्य वक्त की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित करने और कृषि क्षेत्र को भी बल देने वाला है. जो चुनौतियां कृषि के सामने आ रही हैं, उन के मद्देनजर पौध आधारित आहार वैकल्पिक महत्त्वपूर्ण कदम है.

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने वाले विकल्पों को अगर हम अभी से तैयार कर लेंगे तो आने वाले समय में संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों से हम अच्छी तरह से अवगत हैं, खाद्य सुरक्षा इन्हीं में से एक है.

वर्ष 2050 तक कितने खाद्यान्न की आवश्यकता हमें रहेगी व दुनिया की अपेक्षा हम से कितनी बढ़ेगी, इस पर अभी से विचार करने की आवश्यकता है. इस दिशा में केंद्र सरकार अपने स्तर पर पूरे प्रयास कर रही है. कृषि में लोगों की रुचि निरंतर बढ़े, यह भी हमारी जिम्मेदारी है. कृषि क्षेत्र में निजी निवेश आए, नई तकनीकें आनी चाहिए, काम सरल होना चाहिए और किसानों को मुनाफा ज्यादा मिलना चाहिए, इस से आने वाली पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित होगी.

किसान खेती का आधार है, यह बात समझनी होगी. किसानों को फायदा व प्रतिष्ठा देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वे खेती में रुकें, देश का पेट भर सकें और दुनिया की अपेक्षा को भी पूरा कर सकें. सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं द्वारा इस दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं.

इस कार्यक्रम में पीबीएफआईए के पदाधिकारी संजय सेठी, एपीडा के सचिव डा. सुंधाशु, आईटीपीओ के रजत अग्रवाल भी मौजूद थे.

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