गरमी का मौसम शुरू होने के चलते लगातार तापमान बढ़ रहा है. इस हालत में पशुओं को गरमी से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में संतुलित भोजन की जरूरत होती है. गरमी से बचाव के लिए गायभैंस का खास ध्यान रखने की जरूरत है.

गरमियों में पशुओं का आवास प्रबंधन

भीतरी व बाहरी परजीवियों से बचाव के लिए कृमिनाशक दवा का प्रयोग करें. पशुओं को खुरपका, मुंहपका, गलघोंटू और लंगड़ी ज्वर से बचाव के लिए टीका लगवाएं. पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन बी और सैलेनियम सप्लीमैंट दें.

पशु बीमार हो तो सेहतमंद पशु से तुरंत अलग कर देखरेख करें. जरूरत पड़ने पर नजदीकी पशु डाक्टर से संपर्क करें. पशुओं का बीमा जरूर करवा लें. गाय व भैंस को प्रतिदिन नहलाएं, पशुओं को बाहर न निकालें और न पशुओं के साथ यातायात करें. साफ और ताजा पानी भरपूर मात्रा में दें, जिस से पशुओं की सारी शारीरिक प्रक्रिया अच्छी तरह से चले और दुग्ध उत्पादन में किसी प्रकार की कमी न हो.

संतुलित आहार

Dairy Farming

पशुओं को हरा चारा के साथ सूखा चारा मिला कर खिलाएं. पौष्टिकता बढ़ाने के लिए गेहूं के भूसे को यूरिया से उपचारित करें (100 किलोग्राम भूसे को उपचारित करने के लिए 4 किलोग्राम यूरिया को 40 लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.) पशुओं के संतुलित आहार में 50 ग्राम मिनरल पाउडर व 20 ग्राम नमक रोजाना दें.

पशु ब्याने के 2 घंटे के अंदर नवजात बछड़े व बछिया को खीस जरूर पिलाएं. इस से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. दुधारू पशुओं को ढाई लिटर दूध उत्पादन पर एक किलोग्राम मिश्रित दाना देना चाहिए.

गायभैंसों के 7 माह के गर्भकाल के बाद उस की खुराक के अलावा 1 से सवा किलोग्राम दाना उस की रोज की जरूरत के अलावा देना चाहिए, क्योंकि इन आखिरी महीनों में भ्रूण का तेजी से विकास होता है.

किसान घर पर इस प्रकार पशुओं के लिए संतुलित आहार बना सकते हैं.

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