सीहोर: रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना (मिलेट्स) उत्पादक किसानों के लिए खासा मददगार साबित होगी. इस से मिलेट्स (Millets) उत्पादक किसानों को अपने उत्पादों का उचित दाम मिलेगा, जिस से अन्य किसानों को मिलेट्स उत्पादन के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा. मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मिलेट्स उत्पादक किसानों के हित में योजना को लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया.

रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में राज्य सरकार, महासंघ द्वारा खरीद की गई कोदो, कुटकी पर किसानों को भुगतान किए गए न्यूनतम खरीद मूल्य के अतिरिक्त सहायता राशि के रूप में किसानों के खातों में 1,000 रुपए प्रति क्विंटल डायरैक्ट बैनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत देगी.

इस योजना के लागू होने से श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादक किसानों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिए उन की क्षमता संवर्धन, कोदो, कुटकी की विशिष्ट पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा. इस से किसानों को बेहतर विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराते हुए उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने में सहायता मिलेगी.

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शासन ने पूर्व से संचालित लघु धान्य प्रसंस्करण, विपणन इत्यादि कामों में संलग्न एफपीओ या समूह को महासंघ के रूप में संगठित करने के लिए मार्गदर्शी निर्देश जारी किए हैं.

योजना से श्रीअन्न उत्पादन में संलग्न किसानों, एफपीओ या समूह को राज्य स्तरीय महासंघ के रूप में संगठित कर नवीन तकनीकी के उपयोग से श्रीअन्न, विशेषकर कोदो, कुटकी एवं उस के प्रसंस्कृत उत्पादों को राष्ट्रीयअंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान स्थापित कराने में मदद मिलेगी.

इस से एफपीओ द्वारा गठित फेडरेशन के माध्यम से श्रीअन्न के लिए वैल्यू चेन विकसित करने और कोदोकुटकी की खेती में लगे किसानों की आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी.

श्रीअन्न कोदोकुटकी के विपणन एवं प्रसंस्करण में कार्यरत एफपीओ महासंघ गठित किया जा रहा है. यह श्रीअन्न के उपार्जन, भंडारण, प्रसंस्करण, ब्रांड बिल्डिंग एवं उत्पाद विकास आदि काम करेगा. कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत कंपनी के रूप में महासंघ का गठन होगा.

योजना के लाभार्थी एफपीओ फेडरेशन के सदस्य होंगे. ये ही सामान्य सभा के सदस्य भी होंगे एवं रोटेशन प्रणाली के आधार पर इन के द्वारा संचालक मंडल के संचालकों एवं अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. नवीन एफपीओ को महासंघ में शामिल करने में बोर्ड का निर्णय अंतिम रहेगा.

योजना के क्रियान्वयन की नोडल संस्था किसान कल्याण एवं कृषि विकास को बनाया गया है. मौनीटरिंग व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इस से योजना के क्रियान्वयन की उच्चतम स्तर पर बेहतरीन मौनीटरिंग और समीक्षा होगी. इस से योजना के स्टेक होल्डर्स को लाभान्वित करने की प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों का निराकरण किया जाएगा और उन्हें अधिक से अधिक लाभ प्रदान किया जा सकेगा.

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