नई दिल्ली: भारत सरकार कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कृषि स्टार्टअप को वित्तीय और प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान कर के कृषि स्टार्टअप (Agricultural Startups) को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर के नवाचार और कृषि उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम का पोषण करने के लिए ‘नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास‘ कार्यक्रम लागू कर रहा है.

अब तक कृषि स्टार्टअप के प्रशिक्षण और इन्क्यूबेशन और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 5 नालेज पार्टनर्स (केपी) और 24 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) एग्रीबिजनैस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) को नियुक्त किया गया है.

कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न राज्यों में कार्यरत नालेज पार्टनर्स (केपी) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) एग्रीबिजनैस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) को धनराशि जारी की जाती है. इन नालेज पार्टनर्स (केपी) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) एग्रीबिजनैस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) ने कार्यक्रम के अंतर्गत स्टार्टअप्स को प्रशिक्षण, परामर्श और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित किए हैं.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक कृषि और संबद्ध क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली 387 महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप सहित 1554 कृषि स्टार्टअप को तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक विभिन्न नालेज पार्टनर्स (केपी) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) एग्रीबिजनैस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) के माध्यम से किस्तों में 111.57 करोड़ रुपए जारी कर सहायता प्रदान की गई है.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत आइडिया या प्रीसीड स्टेज पर 5 लाख रुपए और शुरुआती स्तर पर 25 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उद्यमियों
व स्टार्टअप को अपने उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मंचों आदि को बाजार में शुरू करने और उन्हें अपने उत्पादों और संचालन को बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए कार्यक्रम के तहत नियुक्त इन नालेज पार्टनर्स (केपी) और आरकेवीवाई एग्रीबिजनैस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) द्वारा स्टार्टअप को प्रशिक्षित और इनक्यूबेट किया जाता है.

इस के अलावा भारत सरकार विभिन्न हितधारकों के साथ जोड़ कर कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए कृषि स्टार्टअप कौनक्लेव, कृषि मेला और प्रदर्शनियों, वैबिनार, कार्यशालाओं सहित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित करती है.

यह विभाग वर्ष 2020-21 से ‘कृषि अवसंरचना निधि‘ योजना लागू कर रहा है, जिस का मकसद पात्र लोगों को ब्याज में छूट और क्रेडिट गारंटी सहायता के माध्यम से फसल कटाई के बाद प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम व दीर्घकालिक ऋण वित्त सुविधा प्रदान करना है. लाभार्थियों में किसान, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप आदि शामिल हैं.

इस योजना के अंतर्गत भूमिहीन किराएदार किसानों के लिए स्टार्टअप स्थापित करने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है. हालांकि, 1284 स्टार्टअप को 1248 करोड़ रुपए की मध्यम व दीर्घकालिक ऋण वित्तीय सहायता के साथ समर्थन दिया गया है. इस योजना के तहत किसानों द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप नीचे दिए गए हैं.

यह हैं नालेज पार्टनर्स (केपी) और आरकेवीवाई- एग्रीबिजनैस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) की सूची:

– राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (एमएएनएजीई), हैदराबाद.
– राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (एनआईएएम), जयपुर, राजस्थान.
– भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा, नई दिल्ली.
– कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक.
– असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट, असम.
– आरकेवीवाई रफ्तार एग्रीबिजनैस इन्क्यूबेटर्स (आर-एबीआई).
– चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा.
– चैधरी सरवन कुमार (सीएसके) हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, हिमाचल प्रदेश.

– भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी, उत्तर प्रदेश
– जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश.
– भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश.
– पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब.
– इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़.
– शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मूकश्मीर.
– भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), काशीपुर, उत्तराखंड.
– केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिशूर, केरल.
– भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, तेलंगाना.
– तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू), कोयंबटूर, तमिलनाडु.
– कृषि नवाचार और उद्यमिता सेल, एएनजीआरएयू, आंध्र प्रदेश.
– राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक, ओडिशा.
– एसकेएन कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर, राजस्थान.
– भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, पश्चिम बंगाल.
– बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार.
– आणंद कृषि विश्वविद्यालय, आणंद, गुजरात.
– भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र.
– डा. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला, महाराष्ट्र.
– राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान संस्थान (एनआईवीईडीआई), बेंगलुरु, कर्नाटक.
– मत्स्यपालन महाविद्यालय, लेम्बुचेर्रा, त्रिपुरा.
– पशु चिकित्सा विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, आइजोल, मिजोरम.
– बागबानी एवं वानिकी महाविद्यालय, पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश.

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