हिसार: चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग में 21 दिवसीय रिफ्रैशर कोर्स संपन्न हुआ. यह कोर्स नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में विश्वविद्यालय एवं सैंटर फौर एडवांस फैकल्टी ट्रेनिंग (सीएएफटी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जिस का मुख्य विषय ‘रिसेंट एडवांसेज इन इकोफ्रैंडली मैनेजमेंट औफ क्राप पैस्ट’ था. इस कोर्स के समापन के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज मुख्य अतिथि रहे.

प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि वर्तमान में बदलते जलवायु परिप्रेक्ष्य में फसलों पर कीटों की नई प्रजातियों का आक्रमण वैज्ञानिकों के लिए चुनौती है. इसलिए वैज्ञानिकों को इन सब पहलुओं को ध्यान में रख कर अपने शोध के काम को आगे बढ़ाना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि किसान जानकारी व जागरूकता के अभाव में बिना वैज्ञानिक सलाह के फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों व रसायनों का मिश्रित छिड़काव कर रहे हैं, जिस के कारण मित्र कीट खत्म हो रहे हैं और पर्यावरण संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं. इन समस्याओं के निवारण के लिए वैज्ञानिकों को ऐसे प्रबंधन उपायों की खोज करनी चाहिए, जिस से कि कीटों पर नियंत्रण भी हो. साथ ही, इनसान की सेहत व पर्यावरण के लिए सुरक्षित हो. उन्होंने वैज्ञानिकों से वर्तमान समय की कीट समस्याओं को ध्यान में रख कर ही अनुसंधान कार्य करने के लिए प्रेरित किया.

उन्होंने वैज्ञानिकों से यह भी कहा कि वे एकीकृत नाशजीवी प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी उन्नत तकनीकों के विकास के साथसाथ उन का प्रचारप्रसार करें. अंत में मुख्य अतिथि प्रो. बीआर कंबोज ने सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र भी वितरित किए.

Pest Management

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एसके पाहुजा ने प्रशिक्षुओं को अपनेअपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने जैविक खेती व रसायनों के आवश्यकता आधारित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में शोध के काम करने पर बल दिया.

इस से पूर्व प्रशिक्षण संयोजक डा. दीपिका कलकल ने रिफ्रेशर कोर्स के अंतर्गत हुई विभिन्न गतिविधियों, रूपरेखा सहित अन्य संबंधित जानकारियां साझा कीं. उपरोक्त प्रशिक्षण में देश के 6 राज्यों के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों से 17 वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. अंत में प्रशिक्षण संयोजक डा. हरीश कुमार ने सभी का धन्यवाद किया.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी समेत इस से जुड़े समस्त महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, विभिन्न कीट वैज्ञानिक सहित कोर्स कोआर्डिनेटर वरुण सैनी भी उपस्थित रहे.

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