नई दिल्ली: वर्ष 1987-88 में 0.6 बिलियन अमेरिकी डालर के सालाना निर्यात की मामूली शुरुआत से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के सक्रिय सहयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में कृषि निर्यात (Agricultural Exports) में 26.7 बिलियन अमेरिकी डालर की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस वृद्धि की यात्रा को 200 से अधिक देशों में निर्यात के विस्तार द्वारा रेखांकित किया गया है, यह 12 फीसदी की सराहनीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाता है.
वर्ष 2022-23 की अवधि में भारत का कृषि निर्यात 53.1 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया. भारत के इस कृषि निर्यात में एपीईडीए का योगदान 51 फीसदी रहा. अप्रैलदिसंबर, 2023 की अवधि में एपीईडीए के निर्यात समूह में 23 प्रमुख वस्तुओं में से 18 ने सकारात्मक वृद्धि का प्रदर्शन किया.
विशेष रूप से 15 बड़ी प्रमुख वस्तुओं में से 13, जिन का निर्यात पिछले वर्ष 100 मिलियन अमेरिकी डालर से अधिक था, इन्होंने 12 फीसदी की औसत वृद्धि दर के साथ सकारात्मक वृद्धि की. वहीं ताजा फलों ने 29 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करते हुए उत्कृष्टता प्राप्त की.
इस के अलावा इस अवधि में प्रसंस्कृत सब्जियों के निर्यात में 24 फीसदी की वृद्धि हुई. इस के बाद विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं, बासमती चावल और ताजी सब्जियों के निर्यात में भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पर्याप्त वृद्धि हुई. ताजा फलों के निर्यात में भारत ने उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की. यह पिछले वर्ष के 102 गंतव्य देशों की तुलना में आज 111 देशों को अपनी सेवाएं दे रहा है.
एपीईडीए ने 13 फरवरी, 2024 को अपने 38वें स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि निर्यात के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अद्वितीय वृद्धि और प्रगति का उत्सव मनाया. कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ वर्ष 1986 में स्थापित एपीईडीए भारत के कृषि निर्यात को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर कर आया है.
अप्रैलनवंबर 2023 के दौरान कई प्रमुख वस्तुओं में पिछले वर्ष की तुलना में पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जैसे केले में 63 फीसदी, दालें (सूखे और छिलके वाले) में 110 फीसदी, ताजे अंडे में 160 फीसदी और केसर व दशहरी आम में क्रमशः 120 फीसदी और 140 फीसदी रहा.
अप्रैल से दिसंबर, 2023 की अवधि के दौरान बासमती चावल के निर्यात मूल्य में 19 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 3.33 बिलियन अमेरिकी डालर की तुलना में 3.97 बिलियन अमेरिकी डालर तक पहुंच गया. साथ ही, निर्यात की मात्रा में 11 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो समान समयसीमा में 31.98 लाख मीट्रिक टन से बढ़ कर 35.43 लाख मीट्रिक टन हो गई.
बासमती चावल ने शीर्ष बाजारों तक अपनी पहुंच बना ली है. ईरान, इराक, सऊदी अरब, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात इन निर्यातों के लिए शीर्ष 5 गंतव्यों के रूप में उभर कर आए हैं.
निर्यात का यह दमदार प्रदर्शन बासमती चावल की स्थायी लोकप्रियता और वैश्विक मांग की पुष्टि करता है, जिस से भारत के निर्यात क्षेत्र में एक प्रमुख कृषि उत्पाद के रूप में इस की स्थिति और अधिक मजबूत हो गई है.