सवाल : क्या बकरीपालन फायदे का काम है? इस बारे में खासखास बातें बताएं?

-शीना मंजरी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

जवाब : बकरी सभी तरह की जलवायु में रह सकती है. बकरीपालन पर ज्यादा खर्च नहीं आता, इसलिए यह एक बेहतर व्यवसाय है. हमारे देश में बकरीपालन कुटीर धंधे के रूप में किया जा रहा है.

व्यावसायिक तौर पर बकरीपालन करने के लिए हमें उन की उन्नत नस्लों के बारे में पता होना जरूरी है. बकरी के चारे, प्रजनन, इलाज व रखरखाव वगैरह के बारे में आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से पूरी जानकारी ले सकती हैं. जब से डेंगू के मरीजों को बकरी का दूध दिया जाने लगा है, तब से बकरी पालने का फायदा बढ़ गया है.


सवाल : मेरे बगीचे में संतरे के 20 पेड़ हैं, जो 6-7 साल के हो चुके हैं. इन में पहली बार तकरीबन सौ फल लगे हैं, जो नीबू से भी ज्यादा खट्टे हैं. ऐसा क्यों हुआ? क्या ये खट्टे से मीठे हो सकते हैं?

-अभिषेक राज, विदिशा, मध्य प्रदेश

जवाब : आप ने यह नहीं बताया कि किस मौसम में फल आए थे. आमतौर पर सर्दी के मौसम के फलों में खटास कुछ ज्यादा ही होती है, पर गरमी वाले फल मीठे होते हैं. वैसे, यह प्रजाति भी ऐसी हो सकती है, जो खट्टी हो.


सवाल : मैं अपने बाग में अंगूर लगाना चाहती हूं. कृपया जानकारी दें?

-मोनिका, मेरठ, उत्तर प्रदेश

जवाब : आप ने यह नहीं बताया कि आप का किस फल का बाग है, जिस में आप अंगूर लगाना चाहती हैं. आम, लीची, अमरूद व जामुन वगैरह के बाग में अंगूर नहीं लगाया जा सकता.


सवाल : मैं भिंडी की खेती करना चाहता हूं. इस बारे में जानकारी दें?

-दिनेश कुमार, मुरादनगर, उत्तर प्रदेश

जवाब : पूसा ए 4, परभनी क्रांति, पूसा मखमली, पूसा सावनी, अर्का अनामिका व हिसार उन्नत वगैरह भिंडी की उन्नतशील किस्में हैं. भिंडी की बोआई का समय फरवरीमार्च होता है.

बोआई के लिए खरीफ मौसम में 8-10 किलोग्राम व जायद मौसम में 18-20 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करें. जायद में 80-100 क्विंटल व खरीफ में 150-180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज हासिल होती है. ज्यादा जानकारी हेतु अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें.


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