नई दिल्ली: 28 फरवरी 2024, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सोसायटी की 95वीं वार्षिक आम बैठक केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में हुई. केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह व श्री कैलाश चैधरी, उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री धर्मपाल सिंह, नागालैंड के कृषि मंत्री माथुंग यंथन एवं आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक भी मौजूद थे.
बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आईसीएआर ने देश को भूख व कुपोषण से निकाल कर स्वस्थ कृषि उत्पादन की ओर ले जाने की दिशा में कृषि क्षेत्र में नवाचार का नेतृत्व किया है. पिछली बैठक में 46 से अधिक सुझाव आए थे, जिन सभी पर आईसीएआर ने काम पूरा किया है.
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार की उपलब्धि का ही नतीजा है कि विश्व में सर्वाधिक आबादी होने के बावजूद भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को केंद्र द्वारा मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. कई उपलब्धियों के बावजूद भी कुछ चुनौतियां हैं, जिन का समाधान तलाशते हुए हमें अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढना है. प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में कृषि, किसान को समृद्ध बनाते हुए देश को आगे बढ़ाने का काम सुनिश्चित किया जा रहा है. साथ ही, कृषि संबद्ध क्षेत्रों, पशुपालन, मत्स्यपालन, मुधमक्खीपालन आदि को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
हमें जलवायु परिवर्तन, मृदा क्षरण जैसी चुनौतियों के समाधान की दिशा में तेजी से काम करते हुए किसानों की उन्नति का रास्ता साफ करना है. खुशी की बात है कि इस में आईसीएआर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. आईसीएआर ने साल 2005 से 2014 के दौरान जहां अधिक पैदावार देने वाली 1,225 फसल किस्में जारी की गई थीं, वहीं 2014 से 2023 के दौरान 2,279 ऐसी किस्में जारी की गई हैं, जो लगभग दोगुना है.
अब ध्यान पौषणिक सुरक्षा पर है, इस के लिए जैव प्रबलित किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इस दिशा में प्रभावी ढंग से आगे बढ़ने के लिए बैठक में आने वाले सुझाव काफी मददगार होंगे.
मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि मानव समाज के लिए, कृषि क्षेत्र की प्रगति के बिना किसी और क्षेत्र की प्रगति नहीं हो सकती है.
इस का संतुलन बना कर व तमाम चुनौतियों का सही आंकलन कर उस का निराकरण करते हुए बेहतर परिणाम देने का प्रयास होना चाहिए. सुदूर क्षेत्र में रहने वाले छोटे से छोटे किसान में आत्मस्वावलंबन हो, उन की प्रगति हो, कृषि उत्पादन बढ़े और हर दृष्टि से आत्मनिर्भरता हो, इस की कोशिश होनी चाहिए. इस दिशा में हम सब को मिल कर विचार करते हुए काम करने की जरूरत है, ताकि आने वाले दिनों में लक्ष्य हासिल करें और जो संकल्प लिया है, उसे पूरा कर सकें.
उन्होंने ने आईसीएआर के प्रकाशन व 22 फसलों की 24 किस्में जारी कीं, जिन में धान, गेहूं, मक्का, सावां, रागी, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, चना, अरहर, मसूर, मोठ, जूट, टमाटर, भिंडी, चैलाई, सेम, खीरा, मटर, आलू, मशरूम, अमरूद हैं. डीजी डा. हिमांशु पाठक ने आईसीएआर की उपलब्धियों पर रिपोर्ट पेश की.