उदयपुर: 28 फरवरी, 2024. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय में दूसरे दिन छोटी मत्स्य प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन मात्स्यकी महाविद्यालय के डा. आरए कौशिक, अधिष्ठाता द्वारा एवं डा. बीके शर्मा, पूर्व अधिष्ठाता, डा. आशीष झा, प्रमुख वैज्ञानिक आईसीएआर-सीआईएफटी और डा. सुमन ताकर की मौजूदगी में संपन्न हुआ.
इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डा. बीके शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. उद्घाटन के दौरान मात्स्यकी महाविद्यालय के समस्त शिक्षक और छात्र समुदाय उपस्थित थे.
मत्स्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना आईसीएआर-सीआईएफटी के द्वारा की गई. इस के लिए डा. आरए कौशिक ने निदेशक आईसीएआर-सीआईएफटी का दिल से धन्यवाद प्रेषित किया. यह इकाई यहां के आदिवासी बहुल क्षेत्र के मत्स्य किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इस के लिए विभिन्न प्रकार मत्स्य सहउत्पादों का प्रशिक्षण आयोजित किया जा सकेगा.
प्रशिक्षण के दूसरे दिन डाया मत्स्य सहकारी समिति के 60 मत्स्यपालकों ने अलगअलग प्रकार के मत्स्य सहउत्पाद बनाने की कला को पूरी जिज्ञासा के साथ सीखा, जिस में मुख्य रूप से फिश फिंगर, फिश कटलेट, झींगा मछली (झींगा के साथ), फिश बाल, फिश समोसा, फिश पकोड़ा, फिश ब्रेड पकोड़ा एवं मत्स्य अचार मत्स्य किसानों ने स्वयं अपने हाथों से बनाए, जिस में आईसीएआर-सीआईएफटी से आए हुए सभी टीम के साथियों एवं महाविद्यालय के डा. बीके शर्मा, डा. एमएल ओझा एंव डा. सुमन ताकर ने इन सहउत्पादों को बनाने में प्रशिक्षणार्थियों को अपना सहयोग प्रदान किया.
महाविद्यालय के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने वर्तमान सत्र में चल रहे कोर्सों का प्रायोगिक जानकारी अर्जित की. साथ ही, मत्स्य सहउत्पादों के विभिन्न व्यंजनों को बनाने में अपनी पूरी रुचि भी दिखाई.