सिवनी: केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने पौलीटैक्निक मैदान में आयोजित हुए कृषि सह अन्न मेले को संबोधित कर कहा कि कृषि लागत में कमी और आम लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से देश में प्राकृतिक खेती के माध्यम से मोटे अनाज के उत्पादन को बढावा देने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. देश में अन्नदाताओं की आय को बढाने को ले कर विभिन्न प्रयास लगातार जारी हैं.
मोटे अनाज की खेती, महिलाएं बनेंगी लखपति
उन्होंने कहा कि पुराने समय से प्राकृतिक खेती की पद्धति अपनाई जाती रही है और मोटे अनाज स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक है.
उन्होंने कहा कि किसान की आय में वृद्धि के लिए सरकार मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, चीना सहित मोटे अनाज को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इस काम में विशेष रूप से महिलाओं को जोड़ कर उन्हें लखपति बनाने के उद्देश्य से सरकार काम कर रही है.
सारस पोर्टल से ट्रेनिंग
उन्होंने बताया कि सारस पोर्टल के द्वारा अन्न के उत्पादन में लगे किसानों को पैकेजिंग, ब्रांडिंग आदि की ट्रेनिंग भी सरकार द्वारा दी जा रही है.
उन्नत तकनीकों की प्रदर्शनी
केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने अन्न मेले में उपस्थित किसानों से मेले में उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों को एवं उन्नत कृषि तकनीकी को प्रदर्शित करती प्रदर्शनी से जानकारी प्राप्त करने की अपील करते हुए कहा कि अन्न मेले में शामिल हुए सभी किसान कृषि वैज्ञानिकों से उन्नत कृषि तकनीकी एवं बीजों की जानकारी अनिवार्य रूप से प्राप्त करें और उन्नत कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए आवश्यकतानुसार नवीन तकनीक को अपनाएं.
अधिक कृषि रसायन नुकसानदायक, प्राकृतिक खेती को दें बढ़ावा
कार्यक्रम को संबोधित कर सांसद डा. ढालसिंह बिसेन ने कहा कि अधिक उत्पादन के लालच में हम ने विदेशी बीजों को अपना कर अनेक बीमारियों को जन्म दिया है और अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने से हमारी जमीन बंजर हो गई है और उत्पादित फसलों में भी पोषक तत्वों की कमी आई है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि आज हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिस से कम लागत में पोषक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.
विधायक दिनेश राय ने किसानों से जैविक कृषि अपना कर उन्नत कृषि उपकरणों, बीजों एवं तकनीक को अपनाने की बात कही.
मृदा स्वास्थ्य कार्ड से फायदा
उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान अपनी कृषि भूमि का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए, ताकि कमी वाले पोषक तत्वों को ध्यान में रख कर खाद एवं बीज का उपयोग किया जा सके. इसी तरह आलोक दुबे ने अपने उद्बोधन में शासन द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी.
कलक्टर क्षितिज सिंघल द्वारा मेले में उपस्थित किसानों को अन्न मेले के उद्देश्यों के बारे में जानकारी देने के साथसाथ सभी से उन्नत कृषि तकनीकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के बारे में जानकारी ले कर तकनीकों को अपनाने की अपील की गई.
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष मालती डहेरिया, जनपद अध्यक्ष सिवनी किरण भलावी, जनपद अध्यक्ष लोचन सिंह मरावी के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों एवं बडी संख्या में किसानों की उपस्थिति रही.
आयोजित मेले में कृषि विभाग के साथसाथ उद्यानिकी, कृषि विज्ञान केंद्र, पशुपालन विभाग, मत्स्य, आजीविका मिशन, आयुष, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के साथसाथ अन्य विभागों द्वारा स्टाल के माध्यम से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई.
मेले में विशेष रूप से अन्न फसलों के उत्पादों जैसे कोदो, कुटकी के बिसकुट, कुकीज एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादों के साथ छिंदवाड़ा, मंडला के किसान उत्पादक संगठनों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया. इस के साथसाथ सिवनी के प्रगतिशील किसानों द्वारा जीराशंकर चांवल एवं प्राकृतिक खेती के उत्पाद, नरसिंहपुर जिले के गुड़ एवं तुअर की दाल के साथसाथ अन्य जिलों के विभिन्न उत्पादकों द्वारा अपने उत्पाद का प्रदर्शन किया गया.