सबौर: बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर में स्ट्राबेरी प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया, जिस का मुख्य उद्देश्य किसानों के बीच स्ट्राबेरी के उत्पादन तकनीक को दिखाना एवं राज्य में स्ट्राबेरी के उत्पादन को बढ़ावा देना है, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा आमदनी प्राप्त हो सके. स्ट्राबेरी प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन उद्यान विभाग, बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर एवं कृषि विज्ञान केंद्र, सबौर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

कार्यक्रम का आयोजन स्ट्राबेरी शोध परियोजना की मुख्य अन्वेशक डा. रूबी रानी ने परियोजना के तहत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सहअधिष्ठाता एवं प्राचार्य डा. एसएन राय ने की. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिष्ठाता कृषि डा. अजय कुमार साह थे. इस में विभाग के अध्यक्ष डा. अहमर आफताब, उपनिदेशक शोध डा. शैलबाला देई, विभाग के वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डा. ममता कुमारी, किसान और आरएडब्ल्यूई के विद्यार्थियों ने भाग लिया.

स्ट्राबेरी (Strawberry)

कार्यक्रम के दौरान डा. रूबी रानी ने राज्य के स्ट्राबेरी उत्पादन एवं समस्याओं पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रयासों एवं स्ट्राबेरी पर किए गए शोध की संक्षिप्त जानकारी दी.

कार्यक्रम के दौरान स्ट्राबेरी किसानों ने स्ट्राबेरी प्लांटिंग मैटीरियल की समस्या से अवगत कराया और बताया कि स्ट्राबेरी के नए पौध हमेशा पूना, महाबलेश्वर या हिमाचल प्रदेश से लाना पड़ता है और सही समय पर उपयुक्त मात्रा में प्राप्त नहीं हो पाता, जिस से फलन प्रभावित होता है.

उपनिदेशक शोध डा. शैलबाला देई ने अपने संबोधन में इन समस्या का शोध के द्वारा निदान करने पर बल दिया. अध्यक्ष, उद्यान विभाग (फल) डा. अहमर आफताब ने बताया कि स्ट्राबेरी के मूल्यवर्धित उत्पाद जैसे जैम, शरबत, स्कवास आदि से ज्यादा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. अधिष्ठाता कृषि ने पौधा उपलब्धि की कमी को दूर करने पर बल दिया और बिहार के जलवायु अनुकूल किस्मों की आवश्यकता पर भी बल दिया. कार्यक्रम का समापन डा. रूबी रानी के धन्यवाद ज्ञापन से हुई.

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