भारत के कई हिस्सों में जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में लहसुन की खेती बड़े पैमाने पर होती है और लहसुन की फसल अप्रैलमई महीने तक तैयार हो जाती है. उस के बाद खेत से लहसुन की खुदाई करना जरूरी है.

लहसुन को आमतौर पर किसानों द्वारा मिट्टी को खोद कर या इस के तने को हाथों से खींच कर निकाला जाता है. इस काम में बहुत समय लगता है. इस के लिए ज्यादा मजदूरों की भी जरूरत होती है. कई जगह पर किसानों द्वारा बख्खर या कल्टीवेटर जैसे कृषि यंत्रों से भी  खोद कर लहसुन को निकाला जाता है. इस से नुकसान अधिक होता है.

यही काम ट्रैक्टरचलित लहसुन खोदने वाले यंत्र से यह काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है. इस मशीन में एक 1.5 मीटर चौड़ी ब्लेड लगी होती है, जो मिट्टी खोदने का काम करती है. इस के बाद लहसुन को यह कृषि यंत्र तने से लहसुन गांठ को अलग कर देता है. तने से लहसुन को अलग करने वाली जाली में लोहे की छड़ें समान दूरी पर लगी होती हैं, जो मशीन के चलने के दौरान जाली से पौधों में लगी मिट्टी अलग हो जाती है.

यंत्र में लगी इस जाली के पिछले हिस्से से लहसुन गिर कर एक पंक्ति में जमा हो जाता है. इस के बाद लहसुन की गांठों को 3-4 दिनों तक खेत में हवा लगने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिस से लहसुन का गीलापन खत्म हो कर लहसुन जरूरत के अनुसार सूख जाता है.

इस लहसुन खुदाई मशीन को ट्रैक्टर के पीटीओ द्वारा चलाया जाता है. मशीन की कार्य क्षमता खेत की मिट्टी के ऊपर भी निर्भर है. काली मिट्टी में अगर लहसुन की खुदाई करनी है, तो यह मशीन चलाने के लिए थोड़ी नमी होना आवश्यक है. लाल मिट्टी में इस यंत्र को सहजता से चलाया जा सकता है.

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