उदयपुर: महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन सीटीएई के सैमिनार हाल उदयपुर में किया गया, जिस में जलवायु परिवर्तन, कार्बन संचयन और कृषि सहकारिता पर किसानों व छात्रों को विस्तार से जानकारी दी गई.
अध्यक्षता करते हुए डा. पीएल गौतम, वाइस चांसलर, आरपीसीएयू ने मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहा कि हम सब को मिल कर काम करने की जरूरत है, तभी हम खेतों में नवाचार कर के अच्छी उपज ले सकते हैं. जलवायु परिवर्तन पर सब को मिल कर काम करने की बात कहीं. डा. अजीत कुमार कर्नाटक, वाइस चांसलर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें खेतों में ऐसा काम करना है कि हम पैसों की तरफ न भागें, बल्कि पैसा हमारी तरफ भागे.
डा. जगदीश सिंह चैधरी ने जलवायु परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए खेती पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दे कर किसानों को लाभान्वित किया. डा. पीके सिंह डीन, सीटीएई, उदयपुर ने जल संरक्षण पर प्रकाश डालते हुए कार्बन संचयन के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
अर्पण सेवा संस्थान के अध्यक्ष डा. शुभ करण सिंह ने संस्थान द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम जलवायु परिवर्तन, कार्बन संचयन, कृषि सहभागिता पर काम करेंगे. डा. एनएल पवार ने खेती में कार्बन का क्या महत्व है, के बारे में प्रकाश डाला.
इस शुभ अवसर पर अर्पण सेवा संस्थान के नए लोगों का विमोचन मंच पर बैठे अतिथियों व उपस्थित किसान समुदाय द्वारा किया गया.
राम अवतार चैधरी ने कृषि के साथसाथ पशुपालन की तकनीक पर जानकारी दी. मंच का संचालन रमेश चंद शर्मा ने किया और धन्यवाद डा. चंद्रशेखर मीणा ने किया. कार्यशाला में खेरवाड़ा के तकरीबन 107 किसानों ने भाग लिया.