उदयपुर: 9 मार्च 2024 को अखिल भारतीय समन्वित मशरूम परियोजना, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के तत्वावधान में अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी) के तहत ग्राम पंचायत मकड़ादेव में एकदिवसीय मशरूम प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.

मशरूम प्रशिक्षण में गांव पानरवा, मानस, मकड़ादेव, सेलाणा और आसपास के गांव के किसानों एवं किसान महिलाओं ने हिस्सा लिया.

मशरूम एक ऐसा कृषि से जुड़ा रोजगार है, जिसे बिना खेतीबारी की जमीन के भी शुरू किया जा सकता है. इस काम को घर के कमरे से भी शुरू किया जा सकता है, जरूरत है उचित वातावरण की. महरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण जरूरी है, जिस से आप इस काम को सफलता से कर सकें.

साप्रशिक्षण में परियोजना प्रभारी डा. एनएल मीना ने बच्चों व महिलाओं में मशरूम के उपयोग से कुपोषण को दूर भगाने और अधिक आय प्राप्त करने के लिए मशरूम तकनीकी को अपनाने का विस्तार से व्याख्यान दिया. वहीं पंचायत समिति झाड़ोल की सहायक विकास अधिकारी शांता भुदरा ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मशरूम की खेती को बढ़ावा दे कर अच्छी आय करने के लिए जोर दिया.

क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक कमलेश चरपोटा ने प्राकृतिक खेती व राजस्थान सरकार की अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया.

अविनाश कुमार नागदा, किशन सिंह राजपूत और रवींद्र चौधरी ने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम की प्रायोगिक जानकारी दी. प्रशिक्षण के अंत में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के कुल 25 प्रशिक्षणार्थियों को सामग्री बांटी गई.

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