देशभर के किसान संगठनों व मजदूर संगठनों की आपात बैठक 13 मार्च, 2024 को दिल्ली के जवाहर भवन में संपन्न हुई. इस में देशभर से आए बहुसंख्य किसान संगठनों ने भाग लिया. इस बैठक में सर्वसम्मति से गठित ’सांझा किसान मजदूर मोरचा’ में सामूहिक नेतृत्व को मान्यता प्रदान करते हुए प्राथमिक रूप से गठित ’मुख्य प्रधानी मंडल’ में जसबीर सिंह भाटी, आत्मजीत सिंह, राजबीर सिंह, डा. राजाराम त्रिपाठी, गुरमुख सिंह, सुदेश खंडेला, भगवान पाल सिंह, भोपाल सिंह चैधरी को शामिल किया गया है.

इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बैठक में किसान संगठनों ने एकमत हो कर किसानों की मुख्य मांगो में 1 एमएसपी पर सी 2 प्लस 50 फीसदी, और एमएस स्वामीनाथन कमीशन आयोग की अन्य लंबित सिफारिशों (फसल बीमा, लागत मूल्य आदि) के साथ ही तत्काल सभी फसलों के लिए सक्षम खरीद गारंटी कानून बनाने की सरकार से मांग की गई. इसी के साथ ही मनरेगा मजदूरों को 200 दिन रोजगार गारंटी और 700 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी की मांग की गई.

- जमीन अधिग्रहण कानून 2013 के तहत जमीन अधिग्रहण का फार्मूला तय करने और किसानों को जल आपूर्ति के लिए पूर्व में घोषित नदियों को जोड़ने की परियोजना पर काम करने की भी मांग की गई.

- सभी संगठनों ने किसान और मजदूर की पूरी तरह से कर्जमाफी की मांग सरकार के सामने रखी.

- वन संरक्षण अधिनियम 2023 को रद्द करने की मांगो पर सर्वसम्मति के साथ सरकार को ज्ञापन देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया.

इस अवसर पर मुख्य वक्ता बस्तर, छत्तीसगढ़ से पधारे अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक और ‘एसपी गारंटी कानून मोरचा’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि अब वह समय आ गया है कि देश के सभी छोटेबड़े किसान संगठन देश के किसान व किसानी को बचाने के लिए इन जरूरी मांगों को पूरा कराने के लिए अपने समस्त अंतर्विरोधों को ताक पर रख कर एकजुट हो जाएं. ध्यान रहे कि अभी नहीं तो कभी नहीं.

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