हिसार : सभी बाधाओं के बावजूद महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया है. महिलाओं के उद्यमी और प्रगतिशील स्वभाव के कारण वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी मेहनत और प्रयास कर रही है.
महिलाओं ने अपनी क्षमताओं का सुबूत दिया है. ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के ज्ञान, कौशल, जागरूकता, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास में परिवर्तन लाने के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति में सुधार देखा जा रहा है.
ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल की निदेशिका संतोष कुमारी ने रखे. वे गांव धांसू में इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा आयोजित ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम के समापन पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रही थीं.
इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. बीना यादव ने बताया कि इस मासिक कार्यक्रम में प्रत्येक छात्रा ने कम से कम 3 परिवारों में व्याख्यान, प्रदर्शनी, रैली, समूह चर्चा आदि जैसे विस्तार तरीकों का उपयोग कर के भोजन पोषण, संसाधन प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, कपड़े निर्माण और अलंकरण, बच्चों की देखभाल, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से आह्वान किया कि अब समय बदल गया है कि उन्हें न केवल किसी भी कार्यक्रम में लाभार्थी के रूप में भाग लेना चाहिए, बल्कि योजना और कार्यान्वयन में भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.
कार्यक्रम में पौष्टिक व्यंजन, बाजरा के उत्पाद, कपड़े की कढ़ाई अध्यापन सामग्री सहित गांव की पारंपरिक वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिस का मुख्यातिथि ने अवलोकन किया. इस दौरान छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विशिष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को मुख्यातिथि ने स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया.
इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि सुरजीत सिंह, स्कूल प्राचार्य मोहनलाल बैनीवाल, भारी संख्या में महिलाएं, जिला परिषद, पशु चिकित्सालय, ब्लौक समिति एवं ग्राम पंचायत के सदस्य, युवा संगठन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ग्राम स्तरीय अधिकारी, महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य शामिल हुए.