आज खेती के मौडर्न तरीकों से जहां किसान बढ़ती लागत और कुदरती प्रकोप के चलते खेती को फायदे का सौदा नहीं बना पा रहे हैं, वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो अपने नवाचारों से सीमित जमीन पर मसाला जिंसों की मिश्रित खेती कर के सालाना अच्छी आमदनी ले रहे हैं.
नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील में गांव रांकई पिपरिया के एक किसान जोगेंद्र किशोर द्विवेदी अदरक, धनिया, मिर्च, हलदी वगैरह की उन्नत खेती कर के क्षेत्र में किसानों के लिए एक जीतीजागती मिसाल बन गए हैं.
काफी पढ़ेलिखे जोगेंद्र किशोर द्विवेदी गांव के प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं, पर खेतीकिसानी की पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते स्कूल के बाद का समय वे खेतीकिसानी में लगाते हैं.
परंपरागत खेती से हट कर उन्होंने गन्ने के साथ सोयाबीन और राजमा की मिश्रित फसल का इस्तेमाल किया है. वहीं अदरक का रिकौर्ड उत्पादन कर गांव वालों को एक नई राह दिखाने के साथ अपनी आमदनी भी बढ़ाई है.
कैसे करें अदरक की खेती
अपने खेत से निकले अदरक को 1-1 इंच के छोटेछोटे टुकड़ों में इस तरह काटते हैं कि प्रत्येक टुकड़े में 2-3 आंखें हों. इन्हीं आंखों में से अदरक का अंकुरण होता है. अदरक के टुकड़ों को धूप में सुखा कर रखते हैं.
खेत को अच्छी तरह तैयार कर मिट्टी में नीम के पाउडर का इस्तेमाल करते हैं, इस से अदरक की गठानों में कीट रोग का हमला नहीं हो पाता.
अदरक के सूखे हुए टुकड़ों को अच्छी तरह से तैयार खेत में अप्रैल के आखिर या मई के शुरू में बो दिया जाता है. अदरक बोने के लिए बनाई गई क्यारी में 25 सैंटीमीटर के अंतर से इन्हें बोया जाता है. क्यारी से क्यारी की दूरी 75 सैंटीमीटर रखें.
अदरक बोने के तुरंत बाद ही सिंचाई कर दी जाती है, जिस से अदरक के साथ मिट्टी अच्छी तरह से सेट हो जाए. प्रत्येक 5 से 7 दिन के अंतर पर अदरक की क्यारियों में सिंचाई की जाती है.
उन का कहना है कि गेहूं, चना या दूसरी फसल के स्थान पर मसाला जिंसों की खेती से ज्यादा फायदा मिल जाता है.
प्रगतिशील किसान जोगेंद्र किशोर द्विवेदी अपने खेत पर केंचुआ खाद, वर्मी कंपोस्ट, वर्मी वाश तैयार कर के उन का इस्तेमाल अपने खेतों में लगी इन्हीं मसाला फसलों पर करते हैं. साथ ही, खेती की नईनई तकनीक जानने के लिए यूट्यूब, गूगल के अलावा तमाम खेतीकिसानी से संबंधित कृषि पत्रिकाएं पढ़ते हैं.
उन का कहना है कि आने वाले समय में वे हलदी, मिर्च और धनिया के साथ अदरक की प्रोसैसिंग कर खुद का ब्रांड बाजार में लाना चाहते हैं. इस के लिए शुरुआती तैयारी चल रही है. मसाला जिंसों की प्रोसैसिंग कर के वे लोगों की रसोई में ही सीधे मसाले पहुंचाने का काम करने जा रहे हैं.