नई दिल्ली : 19 अप्रैल, 2023, बीज उत्पादन की चुनौतियों से निबटने, गुणवत्तापूर्ण बीज की पहचान और बीज प्रमाणीकरण के लिए बनाए गए साथी पोर्टल व मोबाइल एप्लीकेशन को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लौंच किया. ‘उत्तम बीज- समृद्ध किसान’ की थीम पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से एनआईसी ने इसे बनाया है.
इस मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार कृषि के समक्ष विद्यमान चुनौतियों और कठिनाइयों को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से दूर करने की लगातार कोशिश कर रही है. साथी पोर्टल भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. जब इस का प्रयोग नीचे तक शुरू होगा, तो कृषि के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी कदम साबित होगा.
मुख्य अतिथि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत के लिए कृषि का बड़ा महत्व है. बदलते परिदृश्य में यह महत्व और बढ़ गया है. पहले हमारे लिए खेती में अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति का ही लक्ष्य रहता था, लेकिन वर्तमान में दुनिया की अपेक्षाएं भी भारत से बढ़ रही हैं. ऐसे में कृषि की तमाम चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन आदि से निबटते हुए हम दुनिया की मदद कर सकें, यह हमारी जिम्मेदारी है.
उन्होंने आगे कहा कि कृषि में बीज, कीटनाशक, उर्वरक और सिंचाई की प्रमुख भूमिका रहती है. गुणवत्ताविहीन या नकली बीज कृषि की ग्रोथ को प्रभावित करता है. इस से किसानों का नुकसान होता है, देश के कृषि उत्पादन में भी बड़ा फर्क आता है. समयसमय पर यह बात आती रही है कि हमें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिस से नकली बीजों का बाजार ध्वस्त हो और गुणवत्ता वाले बीज किसान तक पहुंचें, इस के लिए साथी पोर्टल लांच हो गया है.
उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में सामने आ रहे नए प्रकार के कीट फसलों को प्रभावित कर रहे हैं, जिस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को अपना रिसर्च बढ़ाना चाहिए. यदि हम यह नुकसान बचाने में सफल हो गए, तो पूरे कृषि उत्पादन का 20 फीसदी बचा सकते हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी साथी (सीड ट्रेसेबिलिटी, आथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक) पोर्टल का पहला चरण आया है. दूसरे फेज में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए. इस का किसानों को पूरी तरह से लाभ मिले, इस के लिए भी जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए. इस सिस्टम के अंतर्गत क्यूआर कोड होगा, जिस से बीज को ट्रेस किया जा सकेगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि विज्ञान केंद्रों, राज्य सरकारों के माध्यम से इस संबंध में ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. उन्होंने सीड ट्रेसेबिलिटी सिस्टम से सभी राज्यों को जुड़ने का आग्रह किया.
साथी पोर्टल गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली सुनिश्चित करेगा, बीज उत्पादन श्रृंखला में बीज के स्रोत की पहचान करेगा. इस प्रणाली में बीजश्रृंखला के एकीकृत 7 वर्टिकल शामिल होंगे-अनुसंधान संगठन, बीज प्रमाणीकरण, बीज लाइसेंसिंग, बीज सूची, डीलर से किसान को बिक्री, किसान पंजीकरण और बीज डीबीटी. वैध प्रमाणीकरण वाले बीज केवल वैध लाइसेंस प्राप्त डीलरों द्वारा केंद्रीय रूप से पंजीकृत किसानों को बेचे जा सकते हैं, जो सीधे अपने पूर्व मान्य बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं.
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव मनोज अहूजा, संयुक्त सचिव (बीज) पंकज यादव व अन्य अधिकारी मौजूद थे, वहीं राज्यों-आईसीएआर के प्रमुख अधिकारी वर्चुअल जुड़े थे.