केंद्र व राज्य सरकार द्वारा समयसमय पर देश के किसानों व पशुपालकों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो दुग्ध उत्पादन, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मौके उपलब्ध कराना और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए शुरू की गई हैं. इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को कम ब्याज पर बैंक ऋण, सब्सिडी आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पशुपालकों के लिए एक खास योजना चल रही है, जिस का नाम गौ-संवर्धन योजना है.
गौ-संवर्धन योजना :
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना के तहत पशुपालन के लिए लोन के साथ ही ब्याज पर अनुदान दिया जाता है. पशुपालकों को अनुदान उपलब्ध करा के सरकार पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है.
योजना का यों उठाएं लाभ
प्रदेश के पशुपालन एवं डेरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने इस योजना से लाभ उठाने की अपील किसानों से की है कि वह इस का लाभ उठाएं.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष योजना के तहत सामान्य तबके के 421, अनुसूचित जनजाति के 16 और अनुसूचित जाति के 38 लाभार्थियों को लाभ मिला है.
पशुपालन के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण
पशुपालन के लिए बैंक ऋण लेना अब संभव हो गया है. पशुपालन एवं डेरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि इस योजना में पशुपालक 10 लाख रुपए तक के 5 या इस से अधिक पशु ले सकते हैं. ऋण के माध्यम से 75 फीसदी लागत चुकाई जा सकती है, और शेष राशि हितग्राही अंशदान से चुकानी होती है.
7 वर्षों तक पशुपालन विभाग द्वारा ब्याज प्रतिपूर्ति
हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर, जो भी कम हो, 5 फीसदी सालाना ब्याज की दर से (अधिकतम 25,000 रुपए हर साल) ब्याज की प्रतिपूर्ति पशुपालन विभाग द्वारा की जाएगी. 5 फीसदी से अधिक ब्याज दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वयं करनी होगी.
वर्गानुसार मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना में सामान्य तबके के लोगों को 25 फीसदी लागत के मार्जिन मनी देने की आवश्यकता होती है, जो अधिकतम 2.50 लाख रुपए होती है. जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को परियोजना लागत का 33 फीसदी देना होता है और उन्हें अधिकतम 2 लाख रुपए की मार्जिन मनी की आवश्यकता होती है.
इसलिए जरूरतमंद लोग इस योजना का लाभ उठा कर अपने डेरी कारोबार को बढ़ा सकते हैं.