लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता प्रदेश में ही बीजों का उत्पादन करा कर प्रदेश की जरूरत के अनुसार सुनिश्चित कराने के लिए “सीड पार्क” की स्थापना के संबंध में एक कार्यशाला का आयोजन कृषि भवन, लखनऊ में अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में किया गया.

अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी द्वारा अवगत कराया गया कि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करते हुए किसानों की आय बढ़ाना है. इस के लिए बीज एक क्रिटिकल एलिमेंट है. बीज की उच्च उत्पादकता के साथ ही गुणवत्ता का भी ध्यान रखना जरूरी है. बीज क्लाइमेट चेंज के अनुकूल वातावरण में भी उच्च उत्पादकता दे सके और घरेलू व ऐक्सपोर्ट दोनों स्थितियों के लिए भी परफैक्ट हो, किसानों की मांग के अनुसार उन के क्षेत्र के लिए प्रजाति उपलब्ध कराई जाए.

प्रदेश की जरूरत के अनुसार बीजों का उत्पादन प्रदेश में ही कराया जाए, जिस एग्रोक्लिमेटिक जोन में जिस प्रजाति के बीज की आवश्यकता हो, उस को वहीं पर उत्पादित करा कर किसानों को उपलब्ध कराया जाए, बाहर के प्रदेश पर बीजों के लिए निर्भरता न रहे, प्रदेश अपने किसानों के लिए बीज की आवश्यकता की पूर्ति में आत्मनिर्भर हो सके, इस के लिए सभी बीज उत्पादक कंपनियों का आवाहन किया कि प्रदेश सीड पार्क की स्थापना की नीति बना रहा है. उस को सभी बीज उत्पादक कंपनी एवं कारपोरेट सभी लोग अपने सुझाव भी दे, राज्य सरकार एक कौमन फैसिलिटी सैंटर के साथ खेतीयोग्य जमीन से ले कर सीड पार्क की स्थापना के लिए जरूरी सभी चीजों में उन को मदद करने को तैयार है, एफपीओ को भी बीज उत्पादन में जोड़ा जाए. प्रदेश सरकार की तरफ से तैयार किए गए सीड पार्क का एक कोंसेप्ट नोट/ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण भी कार्यशाला में किया गया.

कृषि निदेशक डा. जितेंद्र कुमार तोमर द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में कुल लगभग खरीफ एवं रबी मिला कर 60 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है, वर्तमान में 40 लाख क्विंटल के आसपास उत्पादन में हो रहा है, लगभग 20 लाख का फर्क है. इस के लिए दूसरे राज्यों से बीज पर निर्भरता रहती है, इसलिए सीड पार्क की अवधारणा के साथ कृषि विभाग किसानों को बीज अपने प्रदेश में ही उत्पादित करा कर उपलब्ध कराने के लिए आगे बढ़ रहा है.

कार्यशाला में प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम डा. पंकज त्रिपाठी, निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था सुरेंद्र बहादुर सिंह और बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा अपनेअपने विचार रखे गए.

कार्यशाला में अपर कृषि निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र अरविंद कुमार सिंह, अपर कृषि निदेशक तिलहन एवं दलहन सुरेश कुमार सिंह, अपर कृषि निदेशक जगदीश कुमार भट्ट, संयुक्त कृषि निदेशक ब्यूरो डा. आशुतोष कुमार मिश्र सहित अन्य सभी अधिकारियों एवं एफपीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित प्रगतिशील किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया.

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