जड़े में शरीर को अलग किस्म की ताकत की जरूरत होती है. मेवा और नैचुरल मिठाइयों में यह खूब मिलती है. यही वजह है कि जाडे़ में मेवा, तिल और मूंगफली से तैयार मिठाइयां खूब पसंद की जाती हैं.
खजूर से बनी मिठाई इस में सब से खास होती है. खजूर की अपनी एक अलग ही पहचान है. भारत में तो कम, पर एशिया के बाकी देशों खासकर अरब देशों में खजूर खूब पाया जाता है.
खजूर का पेड़ 30-40 फुट तक ऊंचा होता है. इस का तना शाखाविहीन, कठोर, गोलाकार और खुरदुरा होता है. इस की उपज रेगिस्तान, कम पानी और गरम मौसम वाली जगहों पर खूब होती है.
नारियल के समान इस के पेड़ के ऊपरी भाग में पत्तों के नीचे घोंसलों में खजूर लगते हैं. हरे कच्चे खजूर पकने के बाद भूरे और चिपचिपे होने लगते हैं. खजूर सूखने के बाद खाने लायक हो जाते हैं.
खजूर ताकत से भरपूर होता है. इस में कुदरती शर्करा 85 फीसदी, प्रोटीन, खनिज पदार्थ और रेशे यानी फाइबर खूब होता है. इस में कई तरह के विटामिन, आयरन, कैल्शियम, कौपर, पोटेशियम, सोडियम जैसे तत्त्व भरपूर मात्रा में होते हैं.
खाने में ताकत देने वाला खजूर पौष्टिक, थकान दूर करने वाला, पित्तनाशक, वीर्य को बढ़ाने वाला और शीतल गुणों वाला होता है. खजूर में विटामिन, प्रोटीन, रेशे, कार्बोहाइड्रेट और शर्करा होने की वजह से उसे पूरी तरह से आहार कहा जाता है, इसलिए उसे उपवास में भी उपयोग में लाया जाता है.
ताजे, हरे खजूर का रायता बनाया जाता है. खजूर की चटनी बनती है. केक और पुडिंग में खजूर का उपयोग किया जाता है. खजूर सूखे मेवे का प्रमुख हिस्सा है. खजूर के पत्तों से झाड़ू, ब्रश वगैरह बनाए जाते हैं. इस के तने इमारतों के आधार के तौर पर उपयोगी हैं. इस के रेशे रस्सियां बनाने के काम आते हैं.
खजूर में पाए जाने वाले तत्त्व हमारे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं. विटामिन से शरीर के अंग अच्छी तरह से विकसित होते हैं. यह दिल के लिए फायदेमंद होता है. इस से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इस से भूख बढ़ती है. विटामिन से शरीर की रोग से लड़ने की ताकत बढ़ती है. एनीमिया के रोगी की दुर्बलता दूर कर उसे बल प्रदान करता है.
खजूर का प्रयोग भारत में तेजी से बढ़ा है. यह डब्बाबंद फल की श्रेणी से बाहर निकल कर मिठाई की दुकानों तक पहुंच चुका है. चीनी की जगह पर मिठाइयों को तैयार करने में खजूर के गुड़ का प्रयोग किया जाने लगा है. साथ ही, खजूर से बरफी और खजूर पाक जैसीखाने की चीजें बनने लगी हैं.
बरफी बनाने की विधि
सब से पहले खजूर को काट लीजिए और बीज अलग निकाल दीजिए. अब काजू के 7-8 टुकड़े करते हुए काट लीजिए. फिर बादाम के भी 7-8 टुकड़े करते हुए काट लीजिए.
पिस्ते को पतले लंबे टुकड़ों में काट कर अलग रख लीजिए. छोटी इलायची को छील कर उस में दाने निकाल लीजिए और कूट कर पाउडर बना लीजिए.
अब एक पैन गरम कीजिए. फिर गरम पैन में काजू, बादाम के टुकड़े डालिए और फिर धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए 2-3 मिनट तक भून कर प्लेट में निकाल लीजिए. फिर खसखस को भी भून कर अलग निकाल लीजिए.
पैन में घी डाल कर पिघलने दीजिए. गैस धीमी रखिए. अब इस में इलायची का पाउडर और जायफल डाल कर मिक्स कर दीजिए. फिर ड्राई फ्रूट और खजूर के टुकड़े डालिए, नारियल डालिए, चिरौंजी डाल कर सारी चीजों को अच्छी तरह मिलने तक पका लीजिए.
मिश्रण को पैन से प्याले या प्लेट में निकाल लीजिए ताकि यह जल्दी ठंडा हो जाए. फिर हाथ पर थोड़ा घी लगा कर चिकना कीजिए. अब थोड़ा सा मिश्रण हाथ में उठाइए और दबादबा कर बेलनाकार रोल बना लीजिए. फिर किसी प्लेट में कटे पिस्ते डालिए. फिर रोल को पिस्ते के ऊपर रख कर लपेट लीजिए. अब खसखस भी लपेट दीजिए. फिर इस मिश्रण से 5-6 रोल बना लीजिए.
अब एक रोल उठा कर फौइल में टाइट करते हुए लपेट लीजिए. फौइल के दोनों किनारे भी अच्छी तरह से बंद कर दीजिए. अब सारे रोल इसी तरह फौइल में लपेट लीजिए. फिर इन्हें 2 घंटे के लिए फ्रिज में रख दीजिए.
फ्रिज से रोल निकालिए, फिर एक रोल उठाइए और फौइल को खोल कर निकाल दीजिए. अब सैट हुए रोल से आधा सैंटीमीटर मोटे गोल टुकड़े काट कर प्लेट में रख लीजिए. इस तरह से खजूर की बरफी तैयार है.
बनाने का सामान
सूखा पका नारियल 25 ग्राम कद्दूकस किया हुआ, बादाम 50 ग्राम, काजू 50 ग्राम, खजूर 400 ग्राम, घी 2 टेबल स्पून, छोटी इलायची 3, जायफल पाउडर एक चुटकी, खसखस 20 ग्राम, चिरौंजी 20 ग्राम, पिस्ता 20 ग्राम.