आम को यों ही ‘फलों का राजा नहीं कहा जाता है, बल्कि इस की खूबियां और अलगअलग तरह के रंग, रूप और लाजवाब जायका इसे फलों के राजा का खिताब दिलाता है.

वैसे तो पका हुआ आम आमतौर पर मार्च महीने से मिलना शुरू हो जाता है, लेकिन मार्च से ले कर अप्रैल महीने तक बाजार में बिकने वाले पके आम में वह स्वाद नहीं होता है, जो मिलना चाहिए. इस की वजह यह होती है कि इस दौरान आम पूरी तरह से पका नहीं होता है. इसीलिए इस दौर में बिकने वाला आम रसायनों से पकाया जाता है. यही वजह है कि यह आम स्वाद और सेहत के लिहाज से ठीक नहीं होता है.

पके आम का मजा तभी आता है, जब वह डाल पर ही पके या पकने की अवधि पूरी होने के बाद तोड़ कर बिना रसायनों के प्रयोग किए ही पकाया गया हो.

आज के दौर में अगर देखा जाए, तो देश में देशीविदेशी किस्मों की सैकड़ों आम की किस्मों का वसायिक उत्पादन किया जा रहा है, जो अपने स्वाद और रंग, रूप के चलते लोगों की पहली पसंद भी होता है.

आम जितना पका हुआ खाने पर टेस्टी होता है, उतना ही इस के अचार, जैम, आम रस, आम पना भी टेस्टी होता है, इसीलिए आम खाने के लिहाज से और भी कई तरह की रैसिपी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

इसी में एक रैसिपी ऐसी है, जो आम और खास सभी लोगों को अपना मुरीद बना लेती है, जिसे हम आम कलाकंद के नाम से जानते हैं.

आम कलाकंद एक खास तरह की मिठाई होती है, जो पके हुए आम, इलाइची और दूध से खास तरीके से तैयार की जाती है.

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