वर्तमान कृषि में उन्नत यंत्र एवं मशीनें जैसे टै्रक्टर एवं हैरो, कल्टीवेटर, रोटावेटर, पैडी पडलर, लेजर लैंड लैवलर, नो टिल ड्रिल मशीन, रेज्ड बैड प्लांटर, आलू बोआई यंत्र, गाजर बोआई यंत्र, लहसुन बोआईयंत्र, गन्ना बोआई यंत्र, स्वचालित धान रोपाई यंत्र, सब्जियों की पौध रोपाई यंत्र, विभिन्न प्रकार के वीडर, स्पेयर्स एवं डस्टर्स, सिंचाई पंप, चारा मशीन, रीपर, कंबाइन, पावर थ्रैशर और बिजली व डीजल से चलने वाले यंत्र किसानों द्वारा अपनाए जा रहे हैं, जो काफी महंगे आते हैं. इन यंत्रों का सही रखरखाव किसानों के हाथों में नहीं रह गया है. इन की मरम्मत कराने के लिए समयसमय पर स्थानीय बाजारों के कारीगरों के पास जाना पड़ता है. इसलिए आज यह आवश्यक हो गया है कि किसान उपलब्ध कृषि यंत्रों एवं मशीनों को ठीक ढंग से रखरखाव एवं प्रयोग करें.

हस्तचालित यंत्रों का रखरखाव

* हस्तचालित औजारों से चोटों और दुर्घटनाओं से बचना चाहिए.

* हस्तचालित औजारों का बच्चों की पहुंच से दूर होना अति आवश्यक है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की चोट न लगे.

* अगर हम इन औजारों को किसी खुले स्थान पर छोड़ देते हैं, तो कुछ प्लाटिक के भाग खराब हो जाते हैं और दूसरे लोहे के भागों में जंग लग जाती है.

* अगर हमें इन औजारों को खुले में रखना हो, तो इन की धार कम हो जाएगी और जंग लगने की आशंका बनी रहती है. साथ ही, इन औजारों के काम करने की क्षमता घट जाती है.

बड़ी मशीनों का रखरखाव

कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर, सुगरकेन, हार्वेस्टर, पावर टिलर, सीड ड्रिल, पोटैटो प्लांटर, सोयाबीन, सिड ड्रिल, लेजर लैवलर, वेल स्नेडर, प्रैशर, कल्टीवेटर, एमबी प्लाऊ, रिजमेकर, डिस्क हैरो इत्यादि मशीनों को अकसर हम बाहर छोड़ देते हैं, जिस से नटबोल्ट पर जंग, मिट्टी और बारिश पड़ने पर मशीनों के हिस्से खराब होने लगते है एवं जंग लगने की आंशका बनी रहती है. कोशिश करें कि काम खत्म करने के बाद इन यंत्रों को अच्छी तरह एक बार साफ पानी से धो कर के धूप में थोड़ी देर रख कर छत के नीचे रखें. अगर हो सके, तो जंग से बचाव वाली जगह का प्रयोग करें. इस से ये यंत्र या मशीन लंबे समय तक काम करेंगे. जहां जगह न हो, जैसे प्लेड डिस्क, चेन पर पुराना तेल या ग्रीस लगा कर छोड़ सकते हैं और इस से इन में जंग से सुरक्षा मिलेगी. मशीनों को रखते समय देख लें कि अगर कोई हिस्सा टूटफूट या निकल गया हो, तो उसे बदल दें. नटबोल्ट, चेन इत्यादि और ढीले होने वाले कलपुरजों को कस दें. अगर वे निकल गए हों, तो लगा दें. इस से अगली बार इस्तेमाल करने में सुविधा होगी और ठीक करने पर समय व पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा.

जुताई यंत्र का रखरखाव

जुताई यंत्रों को रखते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. जैसे, खेत की जुताई करने के बाद यंत्रों का अच्छे से साफ एवं स्वच्छ कर के रखना चाहिए. कुछ भागों में मिट्टी लगी रहती है, उस को भी साफ कर दिया जाना चाहिए.

बोआई यंत्रों का रखरखाव

बोआई यंत्रों यानी सीड कम फर्टी ड्रिल को रखते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना है. बीज और खाद दोनों नमी सोख कर लोहे की सीट को गला सकते हैं. बोआई और खाद के बाद इन यंत्रों को अच्छी तरह से साफ पानी से धोएं. अगर हवा मारने का कुछ प्रावधान हो, तो हवा मार सकते हैं. उस के बाद धूप में रख दें. पूरी तरह से सुखाने के बाद कुछ जगह पर जहां आवश्यकता हो, वहां पर ग्रीस या तेल लगा कर, कलपुरजों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है. मीटरिंग यूनिट/प्लोटिड रोलर को सुनिश्चित करें कि वे भी पूरी तरह से साफ हैं या नहीं. अगर इन्हें साफ नहीं किया है तो कर दें. ट्यूब को अलग निकाल कर रख सकते हैं, और ध्यान रखें कि उन में सीड न पड़े रहें, नहीं तो वे खराब हो जाएंगी. अगर कोई बैल्ट हो, तो उस को निकाल कर अलग लटका सकते हैं और चेन इत्यादि पर ग्रीस लगा दें.

हार्वेस्टिंग मशीन का रखरखाव

हार्वेस्टिंग मशीनों को रखते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. जैसे थ्रैशर को अच्छी तरह साफ कर लें. एक बार थ्रैशर घुमा कर फसल के कुछ अवशेष को अच्छी तरह निकाल लें. इन मशीनों को पूरी तरह से इस के पूरजों को साफ करें और पानी से धोएं कुछ देर तक इन्हें धूप में रख कर सुखा दें. देख ले कि कोई हिस्सा या नटबोल्ट इत्यादि ढीला या पेच गिर तो नहीं गए हैं और इन की मरम्मत कर के रख दें और कुछ जगहों पर चिकना तेल लगा दें. कुछकुछ ग्रीस पोइटों में ग्रीस भर दें और बैल्ट उतार दें. कोशिश करें कि मशीन को उठा कर सपोर्ट लगा कर रखें. टायर ऊपर रहने से खराब नहीं होंगे और छत के नीचे रखें. अगर ये सुविधा नहीं हैं, तो तिरपाल या पौलीथिन की पन्नी से लपेट कर रखें. अगर बिजली का मीटर लगा है, तो ध्यान रहे कि उस में पानी बिलकुल न जाएं मशीन को धोते समय उस को ढक कर रखें और थ्रैशर के पतनाले को सीधा कर दें. उस के फसल डालने वाले हिस्से को कपड़ा बांध दें, जिस से कोई जीवजंतु ड्रम में न जा सके और बिजली के तारों को लपेट कर किसी थैले में बांध कर रख दें.

छिड़काव यंत्र का रखरखाव

फसल छिड़काव यंत्रों का भंडारण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे मशीन को छिड़काव करने के बाद अच्छी तरह से धो लें और पानी भर कर मशीन को अच्छी तरह से चलाएं, ताकि जिस से नोजल से पूरा कैमिकल निकल जाए और लीवर इत्यादि भी अच्छी तरह साफ कर लें. कैमिकल छिड़काव करने पर प्लास्टिक या मेटल से प्रतिक्रिया कर के यंत्र को खराब कर सकता है. छिड़काव यंत्रों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें. फिल्टर पेपर से लपेट कर या बांध कर रख सकते हैं. जहां भी ओपनिंग होती है, वहीं पर कीटपतंगे के घुसने की संभावना रहती है. इन यंत्रों को रखने से पहले सब जोड़े को, जो पाइप इत्यादि को टाइट कर के रख लें और देख लें कि वे ढीले तो नहीं हैं. उन को या तो कस दें या बदल दें. अगर बैटरी लगी है, तो उसे निकाल दें.

स्वशक्तिचालित उपकरण

स्वशक्तिचालित मशीनों का ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है. ट्रैक्टर महत्त्वपूर्ण ऊर्जा का शक्तिस्रोत है. स्रोत का ध्यान रखें, तो कम खर्च में ज्यादा समय तक चलता रहेगा. प्रतिदिन तेल को चेक करना आवश्यक है और 15 मिनट बंद करने के बाद रेडिएटर का पानी चैक करें और ऐयर क्लीनर को भी साफ करें. यदि तेल कम है, तो भरें. अगर गंदा तेल है, तो साफ तेल से बदल दें और हफ्ते में टायर के प्रैशर भी चेक कर सकते हैं. फेन बेल्ट में 12.16 मिलीमीटर का खिंचाव ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर एयर फिल्टर में पानी भर गया है, तो उसे निकाल दें. बैटरी का लेवल एवं ग्रीस, तेल इत्यादि का नियमित परीक्षण करें.

प्रशिक्षण एवं मशीन चालक

मशीनों को खरीदते समय एक बात का ध्यान रखना आवश्यक होना चाहिए और मशीन के कलपुरजें का निरीक्षण कर लेना आवश्यक है. इस के बाद मशीन की कार्य पुस्तिका को विक्रेता से लेना न भूलें. उस से मशीन का चलाना एवं समझना आसान हो जाता है. मशीन को सही ढंग से बनाए रखने की जानकारी इस पुस्तिका से मिल जाती है. असुविधा होने पर कार्य पुस्तिका का प्रयोग कर सकते हैं.

मशीन का करें परीक्षण

किसी भी प्रकार की मशीन के भाग को सही तरीके से परीक्षण किया जाना चाहिए और समयसमय पर कलपुरजों की जांच कर लेना आवश्यक है. जिस से मशीन चलाते समय घर्षण को कम करें और उस से मशीन का रखरखाव और लंबे समय तक अच्छी रहती है. जांच के पहले देख लें कि पिस्टन पर अतिरिक्त तेल है या नहीें. तेल सील के आसपास लीकेज की जांच करें और सही बिंदु का उपयोग करना सुनिश्चित करें. हर बिंदु के लिए कई प्रकार के तेल और ग्रीस है. चिकनाहट की जांच करना बड़ी मशीनरी के साथ समस्याओं के निदान का एक अच्छा तरीका है और तेल को मशीन में इस्तेमाल करते समय एक बार देख लिया जाना जरूरी है. किसी भी दूषित पदार्थ का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है. अगर ऐसा किया गया है, तो उसे तुरंत बाहर निकाल दें.

सभी स्वचालित मशीनों के लिए सफाई महत्त्वपूर्ण

सभी स्वचालित मशीनों पर सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है. जैसे कुछ इंजन कंपार्टमेंट हीट एमसी चेजर्स/रेडिएटर एवं नियंत्रण केंद्रों के कुछ क्षेत्र हैं. एक बार उपकरण साफ होने के बाद किसानों को अच्छी तरह से सेवा करनी चाहिए और मशीन को चिकना करना चाहिए. आपरेशन, परफौर्मैंस चैक के अलावा गियर या बैल्ट, लूज नटबोल्ट, औयल लीक और सभी पार्ट्स की जांच करें. खरोंच वाले या खुदरे क्षेत्रों में टचअप पेंट लगाने का भी यह एक अच्छा समय है. उचित रूप से बनाए रखने वाले उपकरण, जो अच्छे लगते हैं, वे एक उच्च व्यापार मूल्य का आदेश देंगे. जब किसान इन मशीनों को बदलने का फैसला करता है, तब कई चालक जंग और आक्लीकरण जैसे तत्त्वों से उपकरणों की रक्षा में मदद करने के लिए एक कर्मचारी एक अच्छे सफाई का पालन करते हैं. सब से महत्त्वपूर्ण बात है, जब यंत्रों की सावधानीपूर्ण जांच की जाती है, तो छोटी समस्याओं की पहचान की जा सकती है और उन्हें अगले सीजन में चलाने से पहले ठीक किया जाता है.

कृषि यंत्रों का उचित चुनाव

कृषि यंत्रों का चुनाव करते समय निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए :

* मशीन खेती के काम को करने में पूरी तरह से सक्षम हो.

* मशीन में लगने वाली ऊर्जा या शांति का भरपूर उपयोग कार्य करने के लिए होना चाहिए, जिस से उस की कार्यकुशलता अधिक से अधिक मिल सके.

* मशीन चलाने के प्रशिक्षत व्यक्ति को ही होना चाहिए.

* मशीन के कलपुरजों की बनावट अच्छी तरह से बनी होनी चाहिए, ताकि लंबे समय तक प्रयोग में लाया जा सके.

* यंत्रों की मरम्मत का खर्च कम से कम हो और उसे स्थानीय कारीगर से ठीक कराया जा सके और उस का रखरखाव भी आसान हो.

* मशीन चलाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें, ताकि कम से कम दुर्घटना हो.

* मशीन खरीदते समय उस की गुणवत्ता का ध्यान रखें आवश्यक है और निर्माता से पूछ लिया जाना आवश्यक है, उस के बाद ही खरीदी की जानी चहिए.

कृषि यंत्रों का उपयोग व रखरखाव : कुछ खास बातें मशीन के जिन भागों को नुकसान पहुंचने की संभावना हो, उन को निकाल कर अलग सुरक्षित स्थान पर रखें और कृषि यंत्रों एवं मशीनों के नटबोल्ट, वाशर आदि को देखना जरूरी है. यदि कोई नटबोल्ट ढीला मिले तो उन को कस देना चाहिए. मशीन में तेलपानी बदलने का उचित प्रबंध होना चाहिए. ट्रैक्टर, पावर टिलर, कंबाइन आदि में यह अति आवश्यक है. गियर बौक्स, इंजन और एयर क्लीनर में तेल का माप देखते रहना चाहिए. यदि कम हो या बदलना हो, तो उचित प्रकार से तेल से पूर्ति करनी चाहिए. मशीन के रेडिएटर में पानी का उचित प्रबंध रखना चाहिए. इस से मशीन के काम के बीच में रुकावट नहीं आएगी. टायर में हवा का दबाव ठीक रखना चाहिए.? यंत्र का प्रयोग करने के बाद प्रतिदिन ठीक प्रकार से साफ कर लेना चाहिए, ताकि धूलमिट्टी आदि निकल जाए. खासतौर से मोटर, प्रैशर, सीड ड्रिल आदि के लिए यह जरूरी है. सीड ड्रिल आदि के उपयोग के बाद टंकी व अंदरूनी भागों को भी अच्छी तरह साफ करना चाहिए, ऐसा करने से यंत्र की उम्र बढ़ जाती है. बरसात के मौसम में नुकसान से बचने के लिए मशीन में धातु वाले हिस्सों को जंग प्रतिरोधी पेंट से रंग दें. जहां मशीनों में टायर के पहिए हैं, उन्हें जमीन से ऊंचा इस प्रकार रखें, पहिए जमीन के ऊपर रहें और मशीन के नीचे लकड़ी या पत्थर लगा कर रख दें, जिस से उस में गिरने का अंदेशा न रहे और बच्चों व जानवरों के साथ दुर्घटना न हो सके. यदि किसान अपने उपलब्ध कृषि के उन्नत यंत्र एवं मशीनों को कृषि कार्यों के उपरांत या बरसात का मौसम शुरू होने से पूर्व उपरोक्त बातों को अपना कर अमल करें, तो अपने कृषि यंत्रों की उम्र बढ़ा सकते हैं. शीघ्र खराब होने से बचा कर काफी वर्षों तक ये यंत्र प्रयोग कर सकते हैं, जिस से प्रति वर्ष कृषि यंत्रों के ऊपर खर्चों को कम किया जा सके.

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