ग्वालियर : किसानों को उन्नत एवं लाभप्रद खेती के लिए प्रोत्साहित करें. फसलों में विविधता लाएं और ऐसी फसलों को प्राथमिकता दें, जो कम समय में तैयार हो जाती हैं. साथ ही, किसानों को प्रमाणित बीज, संतुलित उर्वरक एवं आधुनकि कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए प्रेरित करें, जिस से अधिक उत्पादन हो और किसानों की आमदनी बढ़े.

इस आशय के निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने संभागीय समीक्षा बैठक में कृषि एवं उस से जुड़े विभागों की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए. बैठक के पहले चरण में ग्वालियर एवं चंबल संभाग में गत रबी मौसम में हुए उत्पादन और खरीफ मौसम की तैयारियों की समीक्षा की गई. वहीं दूसरे चरण में पशुपालन, मत्स्यपालन एवं दुग्ध उत्पादन की समीक्षा हुई.

यहां संभाग आयुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव उद्यानिकी, सुखवीर सिंह, संभाग आयुक्त ग्वालियर डा. सुदाम खाड़े व चंबल संजीव कुमार झा, ग्वालियर कलक्टर रुचिका चौहान सहित दोनों संभागों के जिला कलक्टर और उद्यानिकी, सहकारिता, बीज विकास निगम, विपणन संघ, बीज प्रमाणीकरण एवं कृषि से जुड़े अन्य विभागों के राज्य स्तरीय अधिकारी और दोनों संभागों के जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व संबंधित विभागों के संभागीय अधिकारी मौजूद थे.

कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने दोनो संभागों के सभी जिलों में खाद व बीज भंडारण की समीक्षा की. साथ ही, सभी जिला कलक्टर को निर्देश दिए कि खरीफ मौसम में किसानों को खादबीज मिलने में दिक्कत न हो. वितरण केंद्रों का लगातार निरीक्षण कर यह सुनश्चि किया जाए कि किसानों को कोई कठिनाई न हो.

क्लस्टर बना कर दें उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा

कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने कहा कि ग्वालियरचंबल संभाग में उद्यानिकी अर्थात फलफूल व सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने की बड़ी गुंजाइश है. इसलिए दोनों संभागों के हर जिले में स्थानीय परिस्थितियों व जलवायु के अनुसार क्लस्टर बना कर उद्यानिकी फसलों से किसानों को जोड़ें. साथ ही, हर जिले में किसानों के एफपीओ (किसान उत्पाद संगठन) बनाने पर भी विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि इस से किसानों की आमदनी बढ़ेगी.

खेत तालाब. स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दें

कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने कम पानी में अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाली पद्धतियों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि ग्वालियरचंबल संभाग में स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करें. साथ ही, खेत तालाब बनाने के लिए भी किसानों को बढ़ावा दें. उन्होंने कहा कि इन सिंचाई पद्धतियों के लिए सरकार द्वारा बड़ा अनुदान दिया जाता है.

मौसम एप का करें व्यापक प्रचारप्रसार

मौसम एप का व्यापक प्रचारप्रसार करने पर बैठक में विशेष रूप से निर्देश दिए गए. इस एप पर एक हफ्ते की मौसम की जानकारी उपलब्ध रहती है. यह एप गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है.

कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि ने कहा कि इस एप के माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी समय से मिल सकेगी और वे मौसम को ध्यान में रख कर अपनी खेती कर पाएंगे. साथ ही, अपनी फसल को भी सुरक्षित कर सकेंगे.

कृषि उपज मंडियों को बनाएं हाईटैक और कैशलेस

कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने कृषि उपज मंडियों को हाईटैक, कैशलेस व सभी के लिए सुविधायुक्त बनाने पर विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि इस के लिए शासन से माली मदद दिलाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि हाईटैक से आशय है कि मंडी में किसान की उपज की तुरंत खरीदी हो जाए, उन के बैठने के लिए बेहतर व्यवस्था हो, कैशलेस भुगतान की सुविधा हो और कृषि उपज की आटो पैकेजिंग व्यवस्था हो.

कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने सभी जिला कलक्टर को सहकारी बैंकों की वसूली करा कर बैंकों को मजबूत करने के निर्देश भी बैठक में दिए. उन्होंने किसान क्रेडिटधारी किसानों के साथसाथ गैरऋणी किसानों की फसल का बीमा कराने के लिए भी कहा.

किसानों को अनुदान आधारित कृषि यंत्र उपलब्ध कराएं

अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल ने कहा कि कृषि यंत्रों का उपयोग किसानों के लिए हर तरह से लाभप्रद है. उन्होंने कृषि यंत्र एवं उपकरणों का प्रेजेंटेशन दिखाया और निर्देश दिए कि अनुदान के आधार पर हर जिले में किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराएं.

उन्होंने ग्वालियरचंबल संभाग में अरहर की पूसा वैरायटी अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए. अरहर की पूसा वैरायटी 6 महीने में तैयार हो जाती है और इस फसल के बाद किसान दूसरी फसल भी ले सकते हैं.

उन्होंने प्रमाणित बीज व उर्वरकों के संतुलित उपयोग व मिट्टी परीक्षण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पर भी विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि मिट्टी परीक्षण के लिए स्थानीय कृषि स्नातक युवाओं के जरीए चलित लैब स्थापित कराई जा सकती हैं. इस से किसानों की ओर से मिट्टी परीक्षण की मांग बढ़ेगी और किसानों व कृषि स्नातक दोनों को फायदा होगा.

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पशु नस्ल सुधार पर दें विशेष ध्यान

कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने बैठक के द्वितीय चरण में पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी उत्पादन सहित कृषि से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था बगैर पशुपालन के मजबूत नहीं रह सकती. इसलिए किसानों को उन्नत नस्ल के पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करें.

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि दुग्ध उत्पादन में ग्वालियर व चंबल संभाग प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के अग्रणी जिलों में शुमार है. इसे और ऊंचाइयां   देने के प्रयास करें.

इस के अलावा उन्होंने पशु नस्ल सुधार पर विशेष बल दिया. साथ ही, बरसात से पहले सभी जिलों में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए अभियान बतौर टीकाकरण कराने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि हर जिले में गौशालाओं को प्रमुखता दें. अधूरी गौशालाएं जल्द से जल्द पूरी कराई जाएं.

उन्होंने किसानों के दुग्ध व्यवसाय को संस्थागत रूप देने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें दुग्ध समितियों से जोड़ें. बैठक में मत्स्यपालन को बढ़ावा देने और दुग्ध संघ को मजबूत करने के संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए.

द्वितीय चरण की बैठक में प्रमुख सचिव मत्स्यपालन डा. नवनीत कोठारी सहित पशुपालन, डेयरी व मत्स्यपालन विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे.

संभाग आयुक्त डा. सुदाम खाड़े ने कहा किसानों को जागरूक करने में सोशल मीडिया का उपयोग करें. साथ ही, प्रगतिशील कृषकों द्वारा की जा रही उन्नत खेती की वीडियो क्लीपिंग बना कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अन्य किसानों को जागरूक करने का सुझाव दिया.

उन्होंने कहा कि किसानों को स्वसहायता समूहों में संगठित करें, जिस से वे अधिक लाभ कमा सकें. समय के अनुसार खेती में बदलाव लाने पर भी उन्होंने बल दिया.

सभी जिलों के कलक्टर ने बताई अपनेअपने जिले की कार्ययोजना

खेती को लाभप्रद बनाने के लिए संभाग के सभी जिलों में बनाई गई कार्ययोजना के बारे में सभी कलक्टरों ने अपनेअपने सुझाव दिए. ग्वालियर कलक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि ग्वालियर जिले में कस्टम हायर सैंटर बढ़ाए जाएंगे. जिले में नैनो यूरिया अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. जिले में ज्वार, मक्का व उड़द और उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि तालाबों में पोली लायनिंग पद्धति अपनाने के लिए भी किसानों को प्रेरित किया जाएगा.

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